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दिल्ली आबकारी घोटाला: ईडी मुख्यालय में ही होगी संजय से पूछताछ, इस वजह से…

नई दिल्लीः दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली एक्साइज घोटाला मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की उस याचिका का निपटारा कर दिया है, जिसमें उन्होंने ईडी मुख्यालय से तुगलक रोड थाने में शिफ्ट करने का विरोध किया था। विशेष न्यायाधीश विकास ढल ने ईडी की इस दलील के बाद आवेदन का निपटारा कर दिया कि संजय सिंह को दूसरी जगह स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। संजय सिंह ने अर्जी दाखिल कर कहा था कि उन्हें ईडी मुख्यालय में रखकर पूछताछ की जाए।

वकील ने कहा सिस्टम का मजाक

दरअसल, ईडी संजय सिंह को अपने मुख्यालय से तुगलक रोड थाने में शिफ्ट करना चाहती थी, क्योंकि ईडी मुख्यालय समेत लॉकअप में कीटनाशक का छिड़काव करना होता है। संजय सिंह इसी का विरोध कर रहे हैं। संजय सिंह ने कहा कि 5 अक्टूबर को कोर्ट के आदेश के बावजूद उन्हें जबरन लॉकअप से बाहर निकाला गया और तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में शिफ्ट किया जा रहा है। संजय सिंह ने मना कर दिया। ईडी ने संजय सिंह से अंडरटेकिंग देने को कहा, जिससे संजय सिंह ने इनकार कर दिया। ईडी ने संजय सिंह की अर्जी का विरोध किया। कोर्ट ने ईडी से पूछा कि क्या संजय सिंह को शिफ्ट किया गया है तो ईडी ने कहा कि अभी उन्हें शिफ्ट नहीं किया गया है। संजय सिंह के वकील ने कहा कि यह सिस्टम का मजाक है कि ईडी मुख्यालय में एक ही लॉकअप है। वहां रखा जा सकता है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि हम संजय सिंह को कहीं और शिफ्ट नहीं कर रहे हैं। वहां कीटनाशक का काम पूरा हो चुका है, अब हम संजय सिंह को कहीं और शिफ्ट नहीं कर रहे हैं। इसके बाद कोर्ट ने संजय सिंह की याचिका का निपटारा कर दिया।

सुनवाई में ईडी ने कही थी लेनदेन की बात

5 अक्टूबर को कोर्ट ने संजय सिंह को 10 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि जब ईडी को लेनदेन के बारे में लंबे समय से जानकारी थी तो उसने अब उन्हें गिरफ्तार क्यों किया। कोर्ट ने कहा था कि ईडी जिन लेनदेन की बात कर रही है वो अगस्त और अक्टूबर 2021 के हैं। तब ईडी ने कहा था कि इस मामले में अभी बयान दर्ज किए गए हैं। सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि 2 करोड़ रुपये का लेनदेन दो किस्तों में किया गया। यह लेनदेन संजय सिंह के घर पर हुआ था। इसकी पुष्टि दिनेश अरोड़ा ने की। ईडी की अर्जी में इंडोस्प्रिट के साथ पैसों के लेन-देन का भी जिक्र किया गया है। जिसमें कहा गया है कि संजय सिंह के घर पर सर्वेश को पैसे दिये गये थे। जो संजय सिंह का कर्मचारी है। दिनेश अरोड़ा ने इसकी पुष्टि की है। संजय सिंह की ओर से कहा गया कि ईडी झूठ बोल रही है। कोर्ट ने ईडी से पूछा कि क्या संजय सिंह के कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए हैं। कोर्ट ने पूछा कि जब आपके पास संजय सिंह के खिलाफ पुख्ता सबूत थे तो उन्हें गिरफ्तार करने में इतना वक्त क्यों लगा।

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संजय सिंह के वकील मोहित माथुर ने विरोध करते हुए कहा कि ये सिलसिला कभी रुकने वाला नहीं है। ईडी गवाह दिनेश अरोड़ा जो ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में आरोपी थे और दोनों मामलों में गवाह बन गए हैं। उनकी विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है। दिनेश अरोड़ा बार-बार अपना बयान बदल रहे हैं। माथुर ने कहा कि जांच एजेंसी जिसे भी गिरफ्तार करना चाहती है, अरोड़ा के बयान पर ही गिरफ्तार करती है, जबकि मेरे मामले में एजेंसी ने उन्हें एक बार भी तलब नहीं किया। तलाशी और गिरफ़्तारी दोनों एक ही दिन में हुईं। गौरतलब है कि ईडी ने संजय सिंह को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।

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