Delhi Crime: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने इंटरस्टेट गैंग का पर्दाफाश किया है और इस मामले में आधा दर्जन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। जिसने आनंद विहार रेलवे स्टेशन के पास बुजुर्ग दंपत्ति से लाखों की लूट को अंजाम दिया था। पुलिस टीम ने उनके पास से 31.46 लाख रुपये नकद और वारदात में इस्तेमाल दोनों ऑटो बरामद किए हैं। क्राइम ब्रांच की टीम ने बिहार की राजधानी पटना, उत्तर प्रदेश के बिजनौर और दिल्ली में छापेमारी कर इन अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक मास्टरमाइंड शमीम दिल्ली पुलिस का घोषित हिस्ट्रीशीटर भी है।
कई मामलों में थे अवांछित
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार अपराधियों की पहचान मोहम्मद शहजाद, शाहिद उर्फ कलवा, जमाल उर्फ फगन, अरशद, ललिता प्रसाद और शमीम के रूप में हुई है। इनमें से पांच उत्तर प्रदेश के बिजनौर और एक दिल्ली के जामिया नगर इलाके का रहने वाला है। इनमें से शहजाद 6 मामलों में, शहीद एक मामले में, जमाल दो मामलों में, अरशद आनंद विहार डकैती मामले में, लालता एक मामले में और शमीम सात मामलों में शामिल रहा है। पुलिस के मुताबिक इस गैंग का भंडाफोड़ डीसीपी सतीश कुमार की देखरेख में क्राइम ब्रांच के ईस्टर्न रेंज-1 के एसीपी रोहिताश कुमार, इंस्पेक्टर आशीष शर्मा, सब इंस्पेक्टर प्रकाश, देवेन्द्र, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर संदीप की टीम ने किया है।
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28 नवंबर को हुई थी लूट की वारदात
पुलिस के मुताबिक, 28 नवंबर को बुजुर्ग दंपत्ति से लूट की वारदात हुई थी। गाजीपुर के रहने वाले शख्स ने पुलिस को बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर उतरा था। उन्हें चांदनी चौक में एक दुकान से आभूषण खरीदने जाना था। जब हम रेलवे स्टेशन से बाहर आये तो हमने एक ऑटो लिया। उनके पास दो बैग थे, जिनमें से एक में 50 लाख रुपये कैश थे। इस दौरान कुछ दूर जाने के बाद ऑटो चालक ने बहाना बनाते हुए कहा कि उसके ऑटो में कुछ खराबी आ गई है। इसी दौरान एक अन्य ऑटो भी वहां पहुंच गया और उसके पास पहुंचा, जिसमें पहले से ही दो यात्री सवार थे। जिस पर पीड़िता ने उसमें बैठने से इंकार कर दिया।
पीड़िता की शिकायत पर दर्ज हुआ मामला
इसी बीच मौका देखकर ऑटो चालकों ने उसे जबरन दूसरे बैग में रख लिया और वहां डरा-धमका कर लूट की घटना को अंजाम दिया। पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। और पुलिस टीम ने जांच शुरू कर दी। इस मामले की जांच कर रही ईस्टर्न रेंज क्राइम ब्रांच की टीम ने भी सीसीटीवी फुटेज की मदद से जांच शुरू की और फिर ऑटो का पता लगाया। ऑटो का नंबर मिला जो दिल्ली के जगदंबा विहार निवासी महावीर सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड था। फिर मोबाइल नंबर खोजा गया और उसके नंबर को सर्विलांस पर लेने पर पता चला कि इसमें उत्तर प्रदेश के बिजनौर का एक गिरोह शामिल है। इसके बाद पुलिस टीम ने दोबारा उत्तर प्रदेश के बिजनौर में छापेमारी की तो पता चला कि ये सभी वहां से फरार हैं।
बिहार में हुई छापेमारी
जिसमें से एक व्यक्ति के बारे में पता चला कि वह बिहार के पटना पहुंच गया है। पुलिस टीम वहां पहुंची और वहां छापेमारी की, जिसमें पुलिस को सफलता मिली। फिर जब उससे पूछताछ की गई तो सारे 23 लाख रुपये बरामद हो गए और जब उससे पूछताछ की गई तो ललिता प्रसाद को उत्तर प्रदेश के बिजनौर से पकड़ा गया और फिर उसकी निशानदेही पर उसके एक और साथी शमीम को दिल्ली के ओखला और उसके पास से पकड़ा गया। ऑटो और करीब आठ लाख की वसूली की गई। इन लोगों ने बताया कि उन्होंने ऐसी कई वारदातों को अंजाम दिया है।
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