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रक्षा मंत्री ने देखीं एशिया की सबसे बड़ी हथियार प्रदर्शनी 'Aero India' की तैयारियां

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नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली में शीर्ष समिति की बैठक के दौरान एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी 'एयरो इंडिया' के लिए अब तक की गई तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में रक्षा मंत्री को एयरो शो के 14वें संस्करण की व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। राजनाथ सिंह ने कर्नाटक के येलहंका वायु सेना स्टेशन में 13-17 फरवरी तक होने वाले 'एयरो इंडिया' के लिए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एयरो इंडिया-2023 सिर्फ एक इवेंट नहीं होगा, बल्कि रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र की बढ़ती ताकत और एक मजबूत और आत्मनिर्भर 'न्यू इंडिया' के उदय को भी प्रदर्शित करेगा। पांच दिवसीय प्रदर्शनी का विषय 'द रनवे टू ए बिलियन ऑपर्च्युनिटीज' है। येलहंका, कर्नाटक के वायु सेना स्टेशन में लगभग 35,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में यह अब तक का सबसे बड़ा एयरो शो होगा।

अब तक 731 प्रदर्शकों ने डिफेंस एक्सपो में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है। इसके प्रमुख कार्यक्रमों में रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन 'रक्षा में संवर्धित जुड़ाव के माध्यम से साझा समृद्धि' विषय के साथ और एक सीईओ गोलमेज सम्मेलन शामिल है। इसके अलावा मंथन स्टार्ट-अप इवेंट और बंधन समारोह के दौरान एमओयू साइन किए जाएंगे। सभी पांच दिनों में शानदार एयरशो प्रदर्शन कार्यक्रम का हिस्सा होंगे। इन समारोहों को स्वदेशी हथियारों और उपकरणों के माध्यम से रक्षा निर्यात बढ़ाने पर केंद्रित किया गया है।

रक्षा मंत्री ने बताया कि भारतीय रक्षा उद्योग परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी उस बदलाव का सबसे बड़ा हिस्सा है। उन्होंने कहा कि न केवल निजी क्षेत्र, बल्कि अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान और शिक्षाविद भी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। एयरो इंडिया रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र को संयुक्त रूप से मजबूत करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए सभी हितधारकों को एक मंच प्रदान करने का माध्यम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एयरो इंडिया का मकसद अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना भी है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम उड्डयन और एयरोस्पेस उद्योग के मामले में कर्नाटक को बढ़ावा देगा। रक्षा मंत्री ने कर्नाटक को देश के आर्थिक विकास में योगदान देने वाले अग्रणी राज्यों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि राज्य अपनी कुशल जनशक्ति और मजबूत रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जाना जाता है। यह घरेलू और बहुराष्ट्रीय रक्षा और विमानन कंपनियों के लिए विनिर्माण और अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों का एक पसंदीदा केंद्र है।

बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और राज्य सरकार के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया। इसमें सशस्त्र बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और अन्य रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने भाग लिया।

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