नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि हमारे देश की भौगोलिक स्थिति कुछ ऐसी है जो इसे कई मायनों में अद्वितीय बनाती है। तीन तरफ से समुद्र से घिरा हमारा देश सामरिक, व्यापार और संसाधनों की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। दुनियाभर में प्रभुत्व हासिल करने में केवल वही देश सफल हुए हैं, जिनकी नौसेनाएं मजबूत रही हैं। भारतीय नौसेना हमारी समुद्री और राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
रक्षा मंत्री सोमवार को नई दिल्ली में शुरू हुए नौसेना कमांडरों के पांच दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन हमारे देश और हमारी नौसेना के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों पर अपने विचार साझा करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर है। राजनाथ सिंह ने नौसेना कमांडरों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर बातचीत भी की। इस सम्मेलन में प्रमुख परिचालन, सामग्री, रसद, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करने के लिए भारतीय नौसेना के सभी ऑपरेशनल और एरिया कमांडर शामिल हुए हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस समुद्री मार्ग में क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में हमारी नौसेना की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से निभाने पर नौसेना के प्रति प्रसन्नता व्यक्त की। दुनियाभर में तेजी से बदलते आर्थिक और राजनीतिक संबंधों के बारे में राजनाथ सिंह ने कहा कि व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय समुद्री क्षेत्रों के भीतर शांति और स्थिरता बनाए रखने की अधिक आवश्यकता है। इस क्षेत्र में इस शांति और स्थिरता को बनाए रखने में भारतीय नौसेना की भूमिका आने वाले समय में कई गुना बढ़ने वाली है। तीनों सेनाओं में तालमेल के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, भारतीय सेना और वायु सेना के प्रमुख भी नौसेना के कमांडरों से बातचीत करेंगे।
उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के अनुरूप हमारी नौसेना पहले से ही आत्मनिर्भरता, जहाज निर्माण में स्वदेशीकरण और पनडुब्बियों के निर्माण क्षेत्र में आगे रही है। पिछले पांच वित्तीय वर्षों में नौसेना के आधुनिकीकरण बजट का दो-तिहाई से अधिक हिस्सा स्वदेशी खरीद पर खर्च किया गया है। हमारी नौसेना ने जिन जहाज़ों और पनडुब्बियों का ऑर्डर दिया है, उनमें 41 जहाज और 39 पनडुब्बियां भारतीय हैं। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए नौसेना की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। सम्मेलन के बारे में रक्षा मंत्री ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में आप सभी को नौसेना के अब तक के प्रयासों और प्रगति के बारे में मंथन करने और नए मुद्दों पर बहस करने का अवसर मिलेगा।
इस मौके पर रक्षा मंत्री ने भारतीय नौसेना के लिए ‘रोड मैप’ भी लॉन्च किया। इसका उद्देश्य भारतीय नौसेना के संचालन की अवधारणा के अनुरूप एक व्यापक मानवरहित प्रणाली रोडमैप प्रदान करना और भारतीय नौसेना के लिए क्षमता विकास योजना तैयार करना है। यह रोडमैप भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को बढ़ावा देगा। सम्मेलन का मकसद नौसेना की युद्ध क्षमता बढ़ाने और संचालन को अधिक प्रभावी एवं कुशल बनाने के तरीकों की तलाश करना है। सम्मेलन में हथियारों की विस्तृत समीक्षा, भारतीय नौसेना के प्लेटफार्मों की तैयारी, चल रही नौसेना परियोजनाओं के माध्यम से स्वदेशीकरण को बढ़ाने के तरीकों पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।