विशेष उत्तर प्रदेश Featured

महंत नरेंद्र गिरि: राम मंदिर निर्माण हो या तीन तलाक, हर मुद्दे पर बेबाकी से रखते थे अपनी राय

mahant giri

नई दिल्लीः देश में प्रसिद्ध अखिल भारतीय अखाड़ा परिषज के के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। प्रयागराज स्थित मठ में उनका शव कमरे में फंदे से लटकता मिला था। शुरुआती जांच में पुलिस इसे आत्महत्या मान रही थी लेकिन घटनास्थल से बरामद सुसाइड नोट में उनके शिष्य आनंद गिरी का जिक्र है। सुसाइड नोट में आनंद गिरी की प्रताड़ना से महंत नरेंद्र गिरी परेशान चल रहे थे। वहीं किसी जमीन की बिक्री और खरीद को लेकर भी दोनों के बीच कुछ विवाद चल रहा था। आज यानी मंगलवार को महंत नरेंद्र गिरि का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

हिरासत में शिष्य आनंद गिरि

बता दें कि पुलिस ने कुछ समय पहले ही नरेंद्र गिरी के शिष्य आनंद गिरि को गिरप्तार कर लिया है. वहीं शिष्य के परिवार के लोगों को भी गिरफ्तार किाय गया है। आनंद गिरि का इस मामले पर कहना है कि यह एक षडयंत्र है। उनका उनके गुरु के साथ कोई भी विवाद नहीं था। वहीं महंत के निधन के बाद संत समाज में शोक की लहर छाई हुई है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ व कई बड़ी हस्तियों ने उनकी मौत पर दुख व्यक्त किया है। जबकि सबसे ज्यादा चर्चा उनके सबसे करीबी शिष्य रहे आनंद गिरि के साथ कथित विवाद की हो रही है।

13 अखाड़ों के अध्यक्ष थे मंहत नरेंद्र गिरि

बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि, प्रयागराज में संगम तट पर स्थित लेटे हनुमान मंदिर के महंत थे। नरेंद्र गिरि ने आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए, संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई थी। वर्ष 2019 के प्रयागराज कुंभ मेले के भव्य आयोजन में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की अहम भूमिका रही थी। मेले के दौरान उन्होंने समय-समय पर शासन का मार्गदर्शन किया था। बता दें कि महंत नरेंद्र गिरी राम मंदिर आंदोलन से जुड़े हुए थे. उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी। साल 2019 में वे 13 अखाड़ों की बैठक में दोबारा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया था।

महंत गिरि अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाते थे

दरअसल महंत नरेंद्र गिरि अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाते थे। चाहें राम मंदिर का मामला हो या तालिबान का या फिर जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा, वो अपनी बात खुलकर रखते थे। या यूं कहें कि राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर महंत नरेंद्र गिरि अपने स्पष्ट विचार रखते थे। तीन तलाक को लेकर केंद्र सरकार ने जब ऐतिहासिक कानून बनाया, तो महंत गिरि ने आगे आकर इस फैसले का समर्थन किया था। उन्‍होंने इसे मुस्लिम समाज के हित में बताया था। महंत नरेंद्र गिरि ने हाल ही में यूपी के धार्मिक और तीर्थ क्षेत्रों में माांस और शराब की बिक्री पर रोक लगाए जाने पर खुशी जताई थी।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)