छत्तीसगढ़ आस्था

स्वास्थ्य लाभ ले रहे भगवान जगन्नाथ, 29 जून के बाद देंगे दर्शन

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जगदलपुर: बस्तर गोंचा पर्व 14 जून से चंदन जात्रा पूजा विधान के साथ प्रारम्भ हो चुका है, शताब्दियों से (614 वर्षों) चली आ रही रियासत कालीन परंपरानुसार ब्राह्मणों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बस्तर गोंचा पर्व के विविध पूजा विधान संपन्न करवाये जायेंगे। 10 जुलाई देवशयनी एकादशी पूजा विधान के साथ बस्तर गोंचा पर्व 2022 का परायण आगामी वर्ष के लिए होगा।

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भगवान जगन्नाथ स्वामी (Bhagwan Jagannath), माता सुभद्रा और बलभद्र स्वामी इन दिनों श्रीमंदिर में हैं। मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए इस समय बंद है। मंदिर के अंदर ब्राह्मणजन भगवान की सेवा कर रहे हैं, ताकि वे जल्द स्वस्थ हो जाएं। मंदिर के कपाट जगन्नाथ भगवान (Bhagwan Jagannath) के स्वस्थ होने के पश्चात 29 जून को खुलेंगे। इससे पहले भगवान के दर्शन वर्जित है। ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष ईश्वर खंबारी ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चंदन जात्रा पूजा विधान के पश्चात भगवान जगन्नाथ का 15 दिवसीय अस्वस्थ काल की अवधि होती है। इस दौरान भगवान जगन्नाथ अस्वस्थ होते हैं तथा भगवान के अस्वथता के हालात में दर्शन वर्जित होते हैं।

भगवान जगन्नाथ (Bhagwan Jagannath) के स्वास्थ्य लाभ के लिए औषधियुक्त भोग का अर्पण कर भगवान जगन्नाथ की सेवा 15 दिनों तक सेवादारों एवं पंडितों के द्वारा किया जा रहा है। औषधियुक्त भोग के अर्पण के पश्चात इसे श्रधालुओं में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। विशेष औषधियुक्त प्रसाद का पूण्य लाभ श्रद्धालु अनसर काल के दौरान जगन्नाथ मंदिर में पहुचकर प्राप्त कर सकते हैं लेकिन दर्शन वर्जित होगा।

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