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CWG 2022: भारतीय महिला हॉकी टीम के साथ हुई नाइंसाफी ? इस बड़ी चूक से गोल्ड जीतने का सपना टूटा

बर्मिंघमः भारतीय महिला हॉकी टीम (womens hockey team) का कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल में पहंचने का सपना टूट गया। ऑस्ट्रेलिया ने भारत (womens hockey team) को शूटआउट में 3-0 से हरा दिया। हालांकि सविता पुनिया की अगुवाई वाली भारत की टीम ने सेमीफाइनल में बहादुरी से मुकाबला करते हुए 1-1 से बराबरी की, लेकिन शूटआउट में गोल करने में चूक गए। ऑस्ट्रेलिया के लिए शूटआउट में एम्ब्रोसिया मेलोन, एमी लॉटन और कैटलिन नोब्स ने गोल किए। हालांकि शूटआउट के दौरान एक ऐसी गलती हुई जिसने भारतीय खिलाड़ियों के मनोबल को हिला कर रख दिया। यह गलती ना तो भारतीय खिलाड़ियों ने की और ना ही ऑस्ट्रेलिया की तरफ से कुछ गलत हुआ। ये गलती मैच अधिकारियों से हुई जिसका खामियाजा भारत को उठाना पड़ा। भारत का अगला मुकाबला सात अगस्त को कांस्य पदक के लिए न्यूजीलैंड से होगा।

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खेल के दौरान ऑस्ट्रेलिया के लिए रेबेका ग्रीनर (10वें मिनट) ने एकमात्र गोल किया, जबकि वंदना कटारिया (49वें मिनट) ने भारतीय टीम की ओर से एकमात्र गोल किया। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शुरूआती दबाव बनाने के इरादे से खेल की शुरूआत की, जबकि भारतीयों ने अपना धैर्य रखा और मौके बनाने की कोशिश की। ऑस्ट्रेलिया की रणनीति रंग लाई और वो शुरूआती गोल करने के करीब आए लेकिन सविता ने अच्छा सेव किया। ऑस्ट्रेलिया को एक फ्री किक मिला, लेकिन भारत ने इसे सफलतापूर्वक रोक दिया। नवनीत कौर ने कुछ ही देर बाद भारत के लिए पेनल्टी कार्नर जीत लिया, लेकिन उसका कुछ फायदा नहीं हुआ।

उसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने आक्रामक खेल दिखाया। रेबेका ग्रीनर ने 10वें मिनट में टैप-इन गोल कर टीम को बढ़त दिला दी। ऑस्ट्रेलिया को एक और मौका मिला लेकिन मोनिका के शानदार डिफेंस ने उसे रोक दिया। पहले क्वार्टर के अंतिम कुछ मिनटों में, भारत ने एक फ्री हिट और पेनल्टी कार्नर अर्जित किया, लेकिन यह प्रतियोगिता को बराबर करने के लिए पर्याप्त नहीं था। एक गोल से पिछड़ते हुए, भारत ने दूसरे क्वार्टर की शुरूआत आक्रामक तरीके से की और ऑस्ट्रेलियाई रक्षा पर दाहिनी ओर से दबाव बनाने की कोशिश की। नेहा के पेनल्टी कार्नर जीतने के बाद भारत ने बराबरी की तलाश में लगातार प्रयास जारी रखा और बराबरी के करीब पहुंच भी गई।

हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई गोलकीपर ने गुरजीत कौर के ऑन-पॉइंट प्रयास को बचा लिया। 24वें मिनट में संगीता ने गोल पोस्ट पर शानदार शॉट लगाया, लेकिन अलीशा पावर ने उसे बचा लिया। पांच मिनट शेष रहते भारत ने एक और पेनल्टी कॉर्नर अर्जित किया, लेकिन उससे कुछ नहीं हुआ। इसके बाद, दूसरे क्वार्टर में दोनों टीमों ने मिड-फील्ड में दबदबा बनाने की कोशिश की। चौथे क्वार्टर की शुरूआत के साथ ही भारतीय खिलाड़ियों में जोश दिखाई देने लगा।

भारत का प्रयास उस समय सफल हुआ जब वंदना कटारिया ने 49वें मिनट में सुशीला चानू द्वारा पास किए गए बॉल को गोल कर दिया। कुछ देर बाद ही वंदना कटारिया ने एक और पेनल्टी कॉर्नर अर्जित किया लेकिन कुछ नहीं हुआ। भारत के बराबरी के बाद, दोनों देश दूसरे गोल की तलाश में ज्यादा आक्रामक हो गए लेकिन खेल समाप्ति तक कोई सफल नहीं हुआ और खेल शूटआउट में चला गया।

शूटआउट के दौरान हुआ बवाल

दरअसल शूटआउट में पहला मौका ऑस्ट्रेलिया को मिला और एम्ब्रोसिया मेलोन स्ट्रोक लेने आईं। भारतीय कप्तान सविता ने शानदार अंदाज में गोल को बचाया और ऑस्ट्रेलिया के हाथ निराशा लगी। मगर यहां कहानी में ट्विस्ट आया, मैच अधिकारी घड़ी को ऑन करना भूल गए थे जिस वजह से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी का शॉट अमान्य माना गया। मेलोन को दोबारा स्ट्रोक लेने को कहा और इस बार उन्होंने बिना कोई गलती किए हुए स्ट्रोग दाग दिया। इस गोल से भारत पर दबाव बनना शुरू हुआ और टीम इंडिया को 0-3 से हार का सामना करना पड़ा। अगर मैच अधिकारियों से यह गलती ना होती तो भारत पर प्रेशर ना आता और शायद मैच का नतीजा भी कुछ और हो सकता था।

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