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जहरीली शराब के दोषियों को अब सजा-ए-मौत, कैबिनेट में इस फैसले को मिली मंजूरी

भोपाल: मध्य प्रदेश में अवैध और जहरीली शराब के सामने आ रहे मामलों पर सरकार का रवैया सख्त हो गया है और कैबिनेट की बैठक में जहरीली शराब के दोषियों को आजीवन कारावास और मृत्युदंड तक की सजा के प्रावधान को मंजूरी दे दी गई है। राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के फैसलों का ब्यौरा देते हुए बताया कि, ऐसी शराब जिनके सेवन से जान चली जाती है, उसमें दोषी साबित होने पर आजीवन कारावास और मृत्युदंड की सजा का प्रावधान किया गया है। अब तक ऐसे मामलों में पांच से दस साल की सजा का प्रवाधान था। वहीं जुर्माने की राशि 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है।

उन्होंने आगे बताया कि मध्य प्रदेश में अवैध शराब को लेकर बढ़ रही आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए आबकारी अधिनियम संशोधन विधेयक-2021 का कैबिनेट ने मंगलवार को अनुमोदन किया है। नई नीति में हैरिटेज मदिरा की एक नई श्रेणी भी जोड़ी गई है। राज्य सरकार द्वारार जहरीली शराब के मामलों में मृत्युदंड की सजा तक के प्रावधान पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने तंज सकते हुए कहा, केवल कानून बनाने से माफिया कभी खत्म नहीं होगा, कानून का क्रियान्वयन बेहद आवश्यक है, सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति नजर आनी चाहिए। उन्होंने बीते समय में बनाए गए कानूनों को याद करते हुए कहा, कड़े कानून की बात तो बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर भी सरकार द्वारा वर्षों से की जा रही है लेकिन प्रदेश में आज भी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं है।

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ज्ञात हो कि राज्य में पिछले कुछ अरसे से अवैध और जहरीली शराब बिक्री के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कई स्थानों पर तो जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौतें भी हुई हैं। इस तरह के मामलों पर राज्य की सियासत भी खूब गर्माई है। यही कारण है कि राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते रोज ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि राज्य सरकार आगामी दिनों में इस तरह के कारोबार में लिप्त लोगों पर कठोरतम कार्रवाई का कानून बनाने का फैसला ले सकती है।

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