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अपराध शाखा ने शुरू की मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या मामले की जांच, मुख्य होंगे ये 5 बिंदु

नई दिल्लीः दक्षिण पश्चिम जिले के कैंट इलाके में हुई नौ साल की बच्ची की मौत के मामले की जांच अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है। इससे पहले ये जांच दक्षिण पश्चिम जिले की पुलिस कर रही थी। ऐसे में यह समझने की जरूरत है कि इस मामले में दिल्ली पुलिस की जांच किस दिशा में और किधर होगी।

दरअसल, उक्त मामले में चार आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने मौका-ए-वारदात की दोबारा जांच के लिए देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई की सीएफएसएल टीम की मदद ली है। दिल्ली पुलिस सीएफएसएल की टीम ने घटनास्थल पर पहुंच कर मौके का मुआयना किया।

ये जांच के पांच अहम बिंदु–

सीएफएसएल की टीम डीएनए प्रोफाइलिंग और माइक्रो साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन के जरिए आरोपितों से जुड़े पांच अहम तथ्यों का पता लगाएगी। बारीकी से जांच के दौरान अगर आरोपितों से जुड़े कोई भी साक्ष्य मिलते हैं तो उसके आधार पर यह पता लगाएगी कि आखिकार घटना के वक्त कौन-कौन लोग मौजूद थे और बच्ची के साथ क्या हुआ था ?।

जांच के जो पांच मुख्य बिंदु हैं वे ये हैं–

— जांच के दौरान कमरे की चादर , तकिए पर किसी भी तरह से खून के निशान हैं कि नहीं।
— मौका-ए-वारदात पर आरोपितों में से किसी के भी वीर्य के निशान हैं कि नहीं।
— घटनास्थल पर इन आरोपितों के शरीर के रोएं और बालों की मौजूदगी है कि नहीं।
–आरोपितों या पीड़ित के दांत या नाखून से काटे जाने के कोई साक्ष्य हैं या नहीं।
— आरोपितों के खून की जांच के लिए नमूने के आधार पर उनके डीएनए की भी जांच होगी।

फॉरेंसिक टीम ने अब तक क्या किया

फोरेंसिक टीम ने सबसे पहले आरोपित पुजारी पंडित राधेश्याम के कमरे की गहन जांच की। उसके बिस्तर पर बिछी हुई चादर, तकिए और उसके पहने गए कपड़ों को जांच के लिए सीज (जब्त) कर जांच शुरू की। बाकी आरोपितों के कपड़ों को भी सीज किया गया है। जांच में इलेक्ट्रिशयन टीम ने वाटर कूलर का मुआयना किया तो मशीन में शार्ट-सर्किट होना पाया गया। अब दिल्ली पुलिस इस वाटर कूलर मशीन को सीज करके फॉरेंसिक एग्जामिनेशन के लिए भेज रही है। इस मशीन पर फिंगरप्रिंट मिलने की संभावनाएं भी हैं।

पॉलीग्राफ और नार्को एनालिसिस टेस्ट भी

चूंकि इस मामले को लेकर कई साक्ष्य अभी पुलिस के पास नहीं हैं। लिहाजा दिल्ली पुलिस जल्द ही आरोपितों का पॉलीग्राफ और नार्को एनालिसिस टेस्ट कराएगी। ताकि इसके आधार पर कुछ और साक्ष्यों को जल्द से जल्द इक्ट्ठा किया जा सके। इसके लिए अपराध शाखा आरोपितों को रिमांड पर लेगी और उनसे पूछताछ भी करेगी।

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