Home उत्तर प्रदेश निजी वाहनों का कॉमर्शियल उपयोग करने वालों पर कसा शिकंजा

निजी वाहनों का कॉमर्शियल उपयोग करने वालों पर कसा शिकंजा

लखनऊः राजधानी में अवैध रूप से सवारियां ढोने वाले वाहनों के खिलाफ आरटीओ प्रवर्तन टीम ने कार्रवाई की। ऐसे में वाहनों के खिलाफ राजधानी समेत पूरे संभाग में पांच दिवसीय अभियान चलाया गया। अभियान के तहत ऐसे कैब व निजी वाहनों की जांच की गयी, जो अवैध रूप से सवारियां ढो रहे थे।

जानकारी के अनुसार, निजी वाहनों का कॉमर्शियल उपयोग किया जा रहा था, वहीं इस प्रकार की मोटर कैब से भी सवारियां ढोई जा रही थीं जिनका या तो परमिट नहीं था अथवा उन्होंने अपना परमिट रिन्युवल ही नहीं कराया था। इसके बावजूद कैब द्वारा सवारियां ढोई जा रही थीं। परिवहन आयुक्त के निर्देश पर बीते 21 से 25 अगस्त तक चलाए गए अभियान में लखनऊ जनपद में 182 वाहनों के चालान और 39 वाहनों को बंद करने की कार्रवाई की गई, वहीं इन वाहनों से 3.66 लाख प्रशमन शुल्क और 3.63 लाख टैक्स वसूला गया।

इसी प्रकार लखनऊ संभाग में चलाए गए अभियान में 391 वाहनों का चालान किया गया, जबकि 133 वाहनों को बंद करने की कार्रवाई की गई। इन वाहनों से 11.28 लाख रुपए प्रशमन शुल्क और 8.17 लाख रुपए टैक्स वसूला गया। अभियान की खास बात यह रही कि यह अभियान आरटीओ कर्मियों के लिए खासा सरदर्दी भरा रहा। इसकी वजह यह रही कि जिन निजी वाहनों के खिलाफ अवैध रूप से सवारियों ढोते पाए जाने पर जुर्माने की कार्रवाई की गई, उनमें अधिकांश वाहन रसूखदारों के थे। रसूखदारों के वाहन पकड़े जाते ही तत्काल परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों व क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के प्रवर्तन शाखा में तैनात कर्मियों के फोन घनघनाना शुरू हो जाते थे। आलम यह रहा कि पांच दिनों के अभियान में रोजाना इससे जुड़े करीब दो दर्जन फोन आ रहे थे। इसके चलते प्रवर्तन कर्मियों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा।

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एसएलडी के खिलाफ चल रहा विशेष अभियान

परिवहन विभाग की ओर से सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के मकसद से स्पीड लिमिट डिवाइस (एसएलडी) के खिलाफ विशेष चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में विशेष चेकिंग अभियान के तहत वाहनों में एसएलडी लगे होने और उसके फंक्शन की जांच की जा रही है। एसएलडी न लगे होने और लगे होने के बाद फंक्शन न करने को लेकर कार्रवाई के साथ ही जागरूक भी किया जा रहा है। एसएलडी से सम्बंधित विशेष चेकिंग अभियान लगातार चलता रहेगा। 4-6 सितंबर तक स्कूली बस और वैन की जांच का अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत स्कूली वाहनों की फिटनेस, ओवरलोडिंग समेत अन्य सुरक्षा मानकों की जांच की जाएगी। स्कूली वाहन के ओवरलोड पाए जाने पर एक हजार रुपए जुर्माना और परमिट कैंसिलेशन की कार्रवाई का प्रावधान है।

एप बेस्ड कम्पनियां कर रही एमवी एक्ट का खुला उल्लंघन

राजधानी में एप बेस्ड कम्पनियां इन ड्राइव, रैपिडो के प्लेटफार्म पर अवैध रूप से निजी बाइक व कैब को जोड़कर चलाया जा रहा है। कम्पनी ने परिवहन विभाग से न तो लाइसेंस प्राप्त किया है और न ही विभाग ने कोई आदेश जारी किया है। उक्त कम्पनी द्वारा खुलेआम मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है। इन कम्पनियों के एप में किसी प्रकार का ट्रैकिंग सिस्टम भी नहीं है, साथ ही शिकायत के लिए कॉल सेंटर भी नहीं है। यही नहीं सुरक्षा से जुड़े हुए फीचर भी नहीं हैं। देश भर में कोई रजिस्टर्ड ऑफिस भी नहीं है।

इसके चलते कम्पनी के एप पर चालक, वाहन स्वामी व इन वाहनों में सफर करने वाले यात्री भी सुरक्षित नहीं हैं। इन ड्राइव, रैपिडो जैसी एप बेस्ड कम्पनी पर यह आरोप लखनऊ रेडियो टैक्सी चालक संघ के अध्यक्ष कौशल सिंह ने लगाया है। उन्होंने इस सम्बंध में शिकायती पत्र परिवहन आयुक्त को भी प्रेषित किया है। उन्होंने कार्रवाई न करने पर परिवहन आयुक्त कार्यालय के घेराव करने की चेतावनी दी है।

संघ के अध्यक्ष कौशल सिंह ने बताया कि राजधानी लखनऊ में यात्रियों के साथ ही वाहन स्वामी भी जानकारी के अभाव में ऐसी कम्पनियों के एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। बीते दिनों ही चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा इसको सुरक्षित न मानते हुए बंद किया गया है। इसकी वजह यह है कि एप बेस्ड कम्पनी द्वारा किसी भी चालक, वाहन स्वामी का पुलिस सत्यापन व यात्री की केवाईसी नहीं कराई जाती, वहीं ओला, उबर जैसी बड़ी एप बेस्ड कम्पनियां पुलिस सत्यापन व यात्री की केवाईसी दोनों कराती हैं। इन ड्राइव व रैपिडो कम्पनियों की शिकायत जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से कई बार, संभागीय परिवहन अधिकारी, सचिव राज्य परिवहन प्राधिकार व अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन से भी की गयी। हालांकि, प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई।

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