मनी लॉन्ड्रिंग मामलाः कोर्ट ने खारिज की वैभव जैन की अंतरिम जमानत याचिका

13
Anuvrat Delhi ED CBI Court Asansol Police Commissionerate Security

Anuvrat Delhi ED CBI Court Asansol Police Commissionerate Security

 

नई दिल्लीः दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी वैभव जैन की अंतरिम जमानत याचिका दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज कर दी है। विशेष न्यायाधीश विकास ढाल ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया।

वैभव जैन ने अपने चाचा के गृह प्रवेश कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 19 मार्च से 25 मार्च तक अंतरिम जमानत की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की थी। वैभव जैन की ओर से अधिवक्ता सुशील कुमार गुप्ता ने कहा कि आरोपी के चाचा दिनेश जैन ने दिल्ली में मकान खरीदा है, जिसके लिए वह गृह प्रवेश कराने जा रहा है। आरोपी के चाचा की केवल तीन बेटियां हैं और उसका चाचा आरोपी को अपना बेटा ही मानता है। वैभव जैन के चाचा घर का गृह प्रवेश वैभव जैन से कराना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वैभव जैन के चाचा के घर गृह प्रवेश 22 मार्च को है लेकिन इस कार्यक्रम की तैयारी 20 मार्च से शुरू होगी। उन्होंने कहा कि अगर अदालत छह दिन की अंतरिम जमानत नहीं देना चाहती है तो दो दिन की अंतरिम जमानत दे सकती है। दी जाए ताकि वैभव जैन गृह प्रवेश समारोह में शामिल हो सकें। उन्होंने अंतरिम जमानत की शर्तों का पालन करने और अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद आत्मसमर्पण करने का आश्वासन दिया।

ईडी की ओर से पेश अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने वैभव जैन को दी गई अंतरिम जमानत का विरोध किया और अंतरिम जमानत याचिका की विचारणीयता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट मामले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 349 के तहत अंतरिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में धारा 45 की दो शर्तों को पूरा करने के बाद ही जमानत दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि आरोपी की नियमित जमानत याचिका हाईकोर्ट में लंबित है। ऐसे में ट्रायल कोर्ट को अंतरिम जमानत पर कोई फैसला नहीं सुनाना चाहिए। आरोपी को अंतरिम जमानत के लिए हाईकोर्ट जाना चाहिए था।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)