मेडिकल उपकरणों पर जीएसटी को लेकर जल्द होगी बैठक, लिया जा सकता है ये बड़ा फैसला

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण काल में केंद्र सरकार चिकित्सा उपकरणों और चिकित्सा के काम में आने वाले रॉ मैटेरियल पर जीएसटी को न्यूनतम करने पर विचार कर रही है। इसके लिए केंद्र की पहल पर जल्दी ही जीएसटी काउंसिल की मीटिंग हो सकती है, जिसमें इस विषय पर फैसला लिया जा सकता है।

केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को भेजे एक पत्र में चिकित्सा उपकरणों और चिकित्सा के काम में आने वाले सामानों और जीवन रक्षक दवाओं को बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले रॉ मटेरियल को टैक्स के न्यूनतम दायरे में रखने के बारे में सुझाव दिया था। इस संबंध में दिल्ली, पंजाब और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य ने अपने जवाब में साफ किया है कि वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और जीवन रक्षक दवाइयां जैसी सभी जरूरी चिकित्सीय सामग्रियों से टैक्स कम करने के लिए जीएसटी काउंसिल की तत्काल बैठक बुलाई जानी चाहिए। राज्यों ने अपने जवाब में ये भी कहा है कि केंद्र सरकार जीएसटी कानून के तहत इस पर बाध्यकारी फैसला भी कर सकती है।

राजस्व विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक इस विषय पर विचार करने के लिए जीएसटी काउंसिल की जल्दी ही एक मीटिंग बुलाने की बात पर विचार किया जा रहा है। इस मीटिंग में लिए जाने वाले फैसलों और विचार विमर्श के बिंदुओं को लेकर एक नया एजेंडा तैयार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसी महीने जीएसटी काउंसिल की मीटिंग बुलाई जा सकती है।

दिल्ली सरकार पहले ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजकर उनसे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को 6 महीने के लिए जीएसटी से मुक्त करने की मांग की है। इस पत्र में कहा गया है कि राजधानी दिल्ली में कोरोना के तेजी से बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसी जरूरी जीवन रक्षक उपकरणों को जीएसटी से मुक्त करना आवश्यक है।

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ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर पहले 28 फीसदी की दर से जीएसटी लिया जाता था, जिसे केंद्र सरकार के निर्देश पर कुछ समय पहले ही घटाकर 12 फीसदी किया गया है। इसके अलावा 3 मई को केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कई इंपोर्टेड मेडिकल आइटम्स और जीवन रक्षक दवाओं को इंटीग्रेटेड जीएसटी (आईजीएसटी) से मुक्त कर दिया है। आईजीएसटी से मुक्त होने वाली चीजों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर और मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन के साथ ही रेमडेसीविर, फेवीपिराविर और टोसिलिजुमैब जैसी दवाइयां शामिल हैं।