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गांवों में पहुंची कोरोना की तपिश, लगातार हो रही मौतों से दहशत में ग्रामीण

लखनऊः पंचायत चुनावों के बाद प्रदेश के ग्रामीणांचल में कोरोना ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। सरकार भले ही संक्रमण बढ़ने की बात को खारिज कर रही है, लेकिन पिछले एक हफ्ते में कई जिलों के गांवों में लगातार हुई मौतों ने लोगों को दहशत में डाल दिया है। इसी को देखते हुए एक बार फिर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन को 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया है, पर यदि समय रहते गांवों में बिगड़ रही स्थिति पर ध्यान न दिया गया तो स्थिति विकट हो सकती है।

प्रदेश के कई जनपदों में पिछले कई दिनों में लगातार लोगों की मौत होने की खबर आयी है। हालांकि, सभी की मौत कोरोना की चपेट में आने की वजह से हुई है यह स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन लगातार हो रही मौतों के चलते लोगों में काफी दहशत है। रायबरेली के सुल्तानखेड़ा गांव में 15 दिनों के भीतर 17 लोगों की मौत हो चुकी है। इस गांव में अधिकतर लोग बुखार से पीड़ित हैं और ज्यादातर में कोरोना के शुरुआती लक्षण भी दिख रहे हैं। सुल्तानखेड़ा की आबादी करीब 2,100 है और शायद कोई परिवार ऐसा हो जिसका कोई सदस्य बुखार से पीड़ित न हो। वहीं रायबरेली में दीनशाह गौरा के थुलराई में अब तक 20 दिनों में 15 लोगों की मौत हो चुकी है। आगरा में खेरागढ़ तहसील के गांव सोन में कोविड के चलते आधा दर्जन मौतें हुई हैं, जिससे लोगों में काफी दहशत व्याप्त है। गोंडा जिले के रहने वाले एक परिवार में 5 सदस्यों की एक के बाद एक मौत हो गई। हालांकि, उनकी मौत कोरोना से हुई इसकी पुष्टि नहीं हुई।

गोरखपुर के खजनी क्षेत्र के ग्राम पंचायत डोड़ो के बिहारी बुजुर्ग पुरवे में पिछले हफ्ते 7 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले। इनमें एक ही परिवार के 5 सदस्य शामिल हैं। वाराणसी जनपद के गांवों में भी हालात बेहद दयनीय होते जा रहे है। यहां के 8 ब्लॉक के 22 गांवों की स्थितियां बेहद गंभीर हैं। इनमें पिछले एक महीने के अंदर 70 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मृतकों में कोरोना के लक्षण तो थे, लेकिन किसी ने जांच नहीं कराई थी। मौतों के यह आंकड़े प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से आ तो रहे हैं, लेकिन इन सभी की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। इतनी बड़ी संख्या में मौतें होने से ग्रामीण क्षेत्रों के बाशिंदों में दहशत व्याप्त है और यदि स्वास्थ्य विभाग न चेता, तो आने वाले समय में स्थितियां भयावह हो सकती हैं।

टल सकता है पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख चुनाव

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नतीजे आने के बाद इसी माह जिला पंचायत अध्यक्ष व क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष (ब्लाक प्रमुख) पदों के चुनाव प्रस्तावित हैं, लेकिन गांवों में बढ़ रहे कोरोना के खतरे के चलते इस पर भी संकट मंडरा रहा है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि सरकार द्वारा जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव को स्थगित करने का फैसला लिया जा सकता है। हालांकि पंचायत चुनाव निपटने के बाद सभी राजस्व ग्रामों में कोरोना जांच का अभियान भी शुरू किया गया है।

लखनऊ में राहत की खबर

कोरोना संक्रमण के गांवों में फैलने की खबर के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा लखनऊ के 8 ब्लाकों में करायी गयी जांच के नतीजे काफी राहत देने वाले हैं। गांवों में कोरोना के लक्षण वाले मरीज तो काफी हैं, लेकिन इनमें संक्रमित लोगों की संख्या काफी कम है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, 8 ब्लाकों में 2,224 बुखार व कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की पहचान हुई। इसमें 1971 लोगों का एंटीजन टेस्ट जबकि जरूरत के हिसाब से आरटीपीसीआर जांच करायी गयी। इसमें से 4 ग्रामीणों की रिपोर्ट ही पाॅजिटिव आयी।

डीआरडीओ अस्पताल का लिया जायजा

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार 9 मई को वाराणसी में कोविड वायरस पर नियंत्रण की तैयारियोें के साथ बीएचयू के खेल मैदान में तैयार डीआरडीओ अस्पताल का भी जायजा लिया। उन्होंने अस्थाई अस्पताल का निरीक्षण कर डीआरडीओ के अफसरों से विस्तार से जानकारी ली। बता दें कि बीएचयू के खेल मैदान में डीआरडीओ की मदद से बने 750 बेड के अस्पताल लखनऊ के बाद प्रदेश का दूसरा कोविड अस्पताल है, जहां कोरोना के गम्भीर मरीजों का इलाज होगा।

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सामने आए 23,333 नए मामले

उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमित के 23,333 नए केस आए हैं जबकि 296 लोगों की मौत हो गयी। राजधानी लखनऊ में 1,436 कोरोना मरीज सामने आए और 26 लोगों ने दम तोड़ दिया। 24 घंटे में 34,636 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। वर्तमान में प्रदेश में 2,33,981 एक्टिव केस हैं। यह जानकारी रविवार 9 मई को सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशक शिशिर ने दी।

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