उप-चुनाव के स्टार प्रचारकों की जाति पर तकरार

भोपाल: मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने वाले तीन विधानसभा और एक लोकसभा के उप-चुनाव को लेकर दोनों प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस द्वारा स्टार प्रचारकों की सूची जारी की जा चुकी है। इन स्टार प्रचारकों की जाति को लेकर दोनों दलों में तकरार है। राज्य में विधानसभा और लोकसभा के उप-चुनाव के लिए दोनों दलों ने 20-20 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। कांग्रेस ने आठ अक्टूबर को स्टार प्रचारकों की सूची जारी की, फिर उसमें संशोधन कर नौ अक्टूबर को दूसरी सूची जारी की। इसमें एक नाम को बदला गया। एन पी प्रजापति के स्थान पर स्टार प्रचारक की सूची में विवेक तन्खा का नाम जोड़ा गया।

कांग्रेस की स्टार प्रचारक की सूची में किए गए बदलाव पर भाजपा के मीडिया विभाग के प्रमुख लोकेंद्र पाराशर ने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस की अदालत में दलित नेता धनाड्य वकील से केस हारा। दलितों का ऐसे सम्मान करती है कांग्रेस। एनपी प्रजापति कोई मामूली आदमी नहीं, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हैं।

भाजपा द्वारा कसे गए तंज का जवाब देते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि भाजपा दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग विरोधी है कभी भी इन वर्गों को प्रतिनिधित्व नहीं देना चाहती है।

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यादव ने आगे कहा, “कांग्रेस पार्टी द्वारा उपचुनाव में दलित, आदिवासी एवं पिछड़े वर्गों से 11 स्टार प्रचारक बनाए गए हैं जबकि भाजपा द्वारा केवल सात स्टार प्रचारक इन वर्गों से बनाए गए। जहां कांग्रेस पार्टी द्वारा दलित वर्ग से तीन स्टार प्रचारक हैं, भाजपा से केवल दो हैं, आदिवासी वर्ग से भी तीन स्टार प्रचारक कांग्रेस ने बनाये, भाजपा के केवल दो हैं। इसी तरह पिछड़े वर्ग से कांग्रेस पार्टी के पांच स्टार प्रचारक बनाये गए, भाजपा के केवल तीन बनाये गए, साथ ही विंध्य जैसे बड़े क्षेत्र की भाजपा द्वारा उपेक्षा की गई एक भी स्टार प्रचारक विंध्य से नहीं बनाया गया, जबकि विंध्य के रैगांव में उपचुनाव भी हैं। कांग्रेस पार्टी द्वारा सभी क्षेत्रों एवं सभी वर्गों को सम्मान दिया गया। भाजपा दलित, आदिवासियों एवं पिछड़े वर्ग को केवल धोखा दे सकती है कभी प्रतिनिधित्व नहीं दे सकती।”

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