नई दिल्लीः लगातार तापमान में गिरावट से काफी ठण्ड बढ़ गयी है। ठंड के मौसम में उम्रदराज लोगों की सेहत के प्रति अधिक सर्तकता रहनी चाहिए। ठंड में तापमान की गिरावट से बुजुर्गों में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं की संभावना होती है। प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने के कारण अस्थमा पीड़ित वृद्ध लोगों को सांस की समस्या होने लगती है। ऐसे समय में उन्हें बहुत अधिक सुरक्षित रहने की जरूरत होती है।
ठंड के चलते बढ़ता है रक्तचाप
ठंड बढ़ने के कारण रक्तचाप बढ़ता है। रक्तचाप बढ़ने से ह्रदयाघात व स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। बीपी व दिल के रोग वाले बुजुर्गों को खुद रक्तचाप को नियंत्रित रखने की हरसंभव कोशिश रखनी चाहिए। बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर ठंड का सीधा असर पड़ता है। इसलिए उन्हें खानपान का भी ध्यान रखना पड़ता है।
अधिक तेल मसाले के भोजन को करें अवाॅइड
सर्दी के मौसम में बहुत अधिक तेल मसाले वाले खाने की जगह हल्का व पौष्टिक खाना लेना चाहिए। हरी सब्जी, दाल व रोटी का अधिक इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आहार में विटामिन सी वाले फल, अखरोट, तुलसी और हल्दी दूध भी शामिल करें। सब्जियाँ एंटी आक्सीडेंट रक्त परिसंचरण में मददगार होते हैं। समय-समय पर चिकन व अंडा को भी खाना में शामिल करें। ठंड में बुजुर्गों को जोड़ों का दर्द बहुत परेशान करता है। उन्हें ग्रीन टी या अदरक की चाय दें। यह कोलेस्ट्रॉल कम करता है और हड्डियों को क्रियाशील बनाये रखता है।
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तापमान नियंत्रित रखने को पियें गर्म पानी
सर्दी के मौसम में बुजुर्गों के लिए आवश्यक दवाइयों का इंतजाम घर पर कर लें। शरीर के तापमान को नियंत्रण में रखने के लिए गुनगुना पानी पीयें और शरीर को हाइड्रेटेट रखें। इससे शरीर और त्वचा भी सेहतमंद रहती है। घर में भी गर्म कपड़े का इस्तेमाल करें। बहुत अधिक सबेरे घर से बाहर निकलने से परहेज करें। घर में सामान्य शारीरिक गतिविधि की मदद से ब्लड सर्कुलेशन व आक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाना जरूरी है। ऐसे में शरीर से पसीना निकलता है जो शरीर से जहरीले पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है। घर में हल्के व्यायाम और योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करें।
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