अंदरूनी खींचतान मिटाने को कांग्रेस हाईकमान ने संभाला मोर्चा, अजय माकन बोले-अब कोई विरोधाभास नहीं

जयपुरः राजस्थान कांग्रेस में सियासी घमासान को खत्म करने के लिए आलाकमान के दूत बनकर जयपुर आए राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रभारी अजय माकन ने सभी विधायकों को 28 जुलाई को जयपुर में ही रहने के निर्देश दिए हैं। वेणुगोपाल और माकन ने रविवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठक के दौरान ये निर्देश दिए। बैठक के दौरान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा हुआ। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों ने उनके समर्थन में जमकर नारेबाजी की। जब इसकी जानकारी बैठक में मौजूद पायलट को दी गई तो उन्होंने अपने समर्थक नेताओं को बाहर भेजकर कार्यकर्ताओं को शांत कराया। हंगामे के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बैठक में मौजूद नहीं थे।

राजस्थान कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान मिटाने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने मोर्चा संभाल लिया है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाकर इसी का संकेत दिया गया है। संगठन महासचिव वेणुगोपाल और प्रभारी माकन ने जयपुर आकर शनिवार को मुख्यमंत्री से मिलने के बाद रविवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में विधायकों और पदाधिकारियों के साथ साझा बैठक की। बैठक के दौरान दोनों नेताओं का स्वागत किया गया। डोटासरा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पायलट सहित कई नेता मौजूद थे, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं आए। स्वागत समारोह की बैठक भी एक घंटे से कम समय में ही खत्म भी हो गई। पीसीसी में स्वागत के बाद माकन ने मीडिया से बात की। माकन ने पत्रकारों को स्पष्ट किया कि अब पार्टी में कहीं कोई विरोधाभास नहीं हैं। सबने एक स्वर में आलाकमान के निर्णय को सर्वमान्य कहा हैं। सब कुछ जल्द निपटा लिया जाएगा। मंत्रिमण्डल व राजनीतिक नियुक्तियां भी होगी। माकन ने मीडिया से बातचीत में यह जताने की कोशिश भी की कि उनकी यात्रा पूरी तरह सफल रही है। उन्होंने बताया कि जिला व ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति पर चर्चा के एक बार दोबारा ने 28-29 जुलाई को जयपुर आ रहे हैं। वे यहां सभी विधायकों से मिलेंगे। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा पर आरएएस भर्ती साक्षात्कार को लगे आरोपों को यह कहकर खारिज कर दिया कि क्या भाजपा अपने कार्यकाल में हुए फैसले का विरोध कर रही है, क्योंकि उनके बेटे व पुत्रवधु तो भाजपा राज में बने हैं। उन्होंने कहा कि डोटासरा ने जिस मुखरता के साथ आरएसएस का मसला उठाया है उसके कारण ही डोटासरा के खिलाफ बेवजह ये मुहिम छेड़ी गई हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि सब अच्छा होगा, सारी बातें अभी प्रोग्रेस में हैं।

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माकन ने महंगाई की मार को लेकर कांग्रेस के दस दिनों के आंदोलन, पेगासस जासूसी कांड आदि की भी चर्चा की और कहा कि जासूसी कांड में धन खर्च किया जा रहा है, जबकि महंगाई व अन्य कामों पर केन्द्र का ध्यान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जज व राहुल गांधी आदि की जासूसी करवाने का जो काम केन्द्र ने किया है उसे देखते हुए लगता है कि जनता की आवाज को सरकार दबाना चाहती है। बैठक के बीच बाहर सचिन पायलट समर्थकों ने समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ देर नारेबाजी के बाद पायलट समर्थक नेताओं ने कार्यकर्ताओं को समझाया, जिसके बाद नारेबाजी बंद हुई। इससे पहले अशोक गहलोत मंत्रिमंडल के विस्तार व बदलाव तथा राजनीतिक नियुक्तियों की अटकलों के बीच वेणुगोपाल व माकन शनिवार रात जयपुर पहुंचे। वेणुगोपाल व माकन शनिवार रात सड़क मार्ग से जयपुर पहुंचे और सीधे मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे, जहां पर गहलोत, वेणुगोपाल और माकन के बीच लगभग ढाई घंटे तक मंत्रणा हुई। बैठक में मंत्रिमंडल फेरबदल व विस्तार पर विचार विमर्श हुआ। बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत ने मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला पहले की तरह आलाकमान पर छोड़ा हैं। बोर्ड और निगमों में नियुक्तियों के जल्द निस्तारण पर भी चर्चा हुई है। जानकारों की मानें तो गहलोत ने जल्द से जल्द और सभी की सहमति से नियुक्तियां होने की बात कही है।