Home उत्तर प्रदेश कुपोषण-कुरीतियां खत्म करने को काॅलेज एक-एक गांव को लें गोदः राज्यपाल आनंदीबेन

कुपोषण-कुरीतियां खत्म करने को काॅलेज एक-एक गांव को लें गोदः राज्यपाल आनंदीबेन

लखनऊः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अगर प्रत्येक कॉलेज एक-एक गांव को गोद ले और उसके विकास पर ध्यान दें तो गांव से कुपोषण, क्षयरोग, कुरीतियां, बाल विवाह आदि का शीघ्र समापन हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न संकट ने आज ई-पाठ्यक्रम और डिजिटल शिक्षा के महत्व को बढ़ाया है। कोविड ने हमें डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की प्रेरणा दी है। पठन-पाठन के तरीकों पर लगातार शोध करते रहने की जरूरत है, जिससे विपरीत हालात में भी विद्यार्थियों की पढ़ाई किसी प्रकार से बाधित न होने पाये।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रविवार को राजभवन से ऑनलाइन राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद एवं इंटीग्रल विश्वविद्यालय की ओर से आयेाजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए यह बातें कहीं। जिसमें उत्तर भारत के आठ राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि अब फ्लिप क्लास रूम का समय है, वर्चुअल लैब भी जरूरी है। यह सब समय की मांग है। इससे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिलेगी, शिक्षक खुद को अपग्रेड करते रहेंगे तो समाज में एक नया परिवर्तन देखने को मिलेगा। राज्यपाल ने कहा कि उच्चतर शिक्षा में गुणवत्ता, उत्कृष्टता के साथ-साथ प्रासंगिकता का भी मूल्य बढ़ा है। वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षण संस्थानों की मूल्यांकन के लिए क्यूएस रैंकिंग, टाइम्स रैंकिंग तथा इसी प्रकार की कई अन्य रैंकिंग इकाइयों द्वारा मूल्यांकन की व्यवस्थाएं दी गई हैं।

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उन्होंने कहा कि युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर देश की मुख्यधारा से जोड़ना हम सभी का कर्तव्य है। शिक्षा नीति के बदले कलेवर को समग्रता में देखा जाना चाहिए। जब उच्च शिक्षण संस्थान अपना मूल्यांकन करता है तो वह राष्ट्रीय विकास में योगदान देता है। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के लिए यह जरूरी नहीं है कि सब कुछ क्लास रूम में ही हो। प्रयोगशाला को कक्षा और कक्षा को प्रयोगशाला में परिवर्तित करने का समय है। शिक्षकों की स्किल को बढ़ाने के लिए लगातार काम करने का समय है।

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