लखनऊः गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिरने से लोगों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री ने घटना के लिए जिम्मेदार इंजीनियर और ठेकेदार के खिलाफ रासुका लगाने का आदेश दिया है। उन्होंने पूरे नुकसान की वसूली दोषी इंजीनियर और ठेकेदार से करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही आरोपित ठेकेदार को काली सूची में डालने करने का भी आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री ने कमिश्नर और जिलाधिकारी को नोटिस जारी कर पूछा है कि जब सितम्बर में ही मण्डलायुक्त तथा जिलाधिकारी 50 लाख रुपये से अधिक लागत की विकास परियोजनाओं की समीक्षा एवं भौतिक सत्यापन करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया था तो चूक क्यों हुई। उन्होंने मृतकों के परिवारों को दस दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कहा है कि जिन परिवारों के पास आवास नहीं हैं, उन्हें आवासीय सुविधा मुहैया करायी जाए।
मुख्यमंत्री ने घटना को लेकर सोमवार को कड़ी नाराजगी जतायी थी। उन्होंने घटना को अफसरों की गंभीर लापरवाही करार देते हुए कहा कि इस तरह की लापरवाही अक्षम्य है। ऐसे अपराध करने वाले अफसरों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
घटना से साफ है कि फील्ड के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मुख्यमंत्री के निर्देशों को नजरंदाज करने की हिमाकत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने चेतावनी के लहजे में यहां तक कहा कि इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्मेदार अफसरों के लिए शासन में कोई जगह नहीं है। उन्होंने गाजियाबाद के जिलाधिकारी और मेरठ की मंडलायुक्त व अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की जांच के संकेत भी दिए हैं।
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वहीं इस प्रकरण में मुख्य आरोपित अजय त्यागी को सोमवार रात गिरफ्तारी कर लिया गया। हादसे के बाद से अजय त्यागी फरार था। इससे पहले थाना मुरादनगर में नगर पालिका ईओ (अधिशासी अधिकारी) निहारिका सिंह, जेई (अवर अभियंता) चंद्रपाल, सुपरवाइजर आशीष और निर्माण करने वाले ठेकेदार अजय त्यागी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।