लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने प्रदेश में बैंकों का सीडी रेशियो (ऋण जमा अनुपात) 58.59 फीसदी होने पर खुशी जताई और आगामी वित्तीय वर्ष में इसे बढ़ाकर 65 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि 2016-17 में राज्य में बैंकिंग कारोबार 12.80 लाख करोड़ रुपये का था, जो कि बढ़कर अब 26.80 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
उन्होंने कहा कि लक्ष्य हासिल करने के लिए बैंकों को हरसंभव सहयोग और सुरक्षा मुहैया करायी जायेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय साक्षरता का दायरा सभी 75 जिलों तक बढ़ाने के लिए मिशन मोड में काम करने का आह्वान किया है।
बैंकों ने निभाई सराहनीय भूमिका
मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में चालू वित्तीय वर्ष की दिसंबर 2023 को समाप्त तिमाही की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हर जरूरतमंद और ऊर्जावान युवा को ऋण के रूप में वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने के हमारे प्रयासों में बैंकों ने सराहनीय भूमिका निभाई है। लोन मेलों का यह क्रम आगे भी जारी रहना चाहिए। बैंक ऋण देने में संकोच न करें। सरकार अपनी प्रत्येक योजना में ऋण प्रदान करने से पहले लाभार्थियों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘फैमिली आईडी’ का जिक्र करते हुए कहा कि सभी बैंक केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों का पूरा डेटा उपलब्ध कराएं। ताकि राज्य के हर परिवार की स्थिति का सटीक आकलन किया जा सके। मुख्यमंत्री ने अटल पेंशन, जीवन ज्योति बीमा, जनधन सहित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य में प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप प्रत्येक नागरिक को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
तत्काल समाधान पर जोर
विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने वित्तीय समावेशन के प्रयासों में ‘वन जीपी-वन बीसी’ (वन ग्राम पंचायत-वन बीसी सखी) कार्यक्रम की सराहना की और बैंकों से बीसी सखियों को और अधिक प्रोत्साहन देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस एक कार्यक्रम ने महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है और वित्तीय समावेशन का एक बड़ा उदाहरण बनकर उभरा है। साथ ही हाल ही में पेटीएम पेमेंट बैंक की घटना से उत्पन्न स्थितियों से प्रभावित बीसी सखियों की समस्याओं के तत्काल समाधान पर जोर दिया गया।
इस खास मौके पर मुख्यमंत्री ने बड़ौदा-यूपी ग्रामीण बैंक और आर्यावर्त ग्रामीण बैंक को राज्यांश प्रदान किया, साथ ही 1.10 लाख किसान क्रेडिट कार्ड का उद्घाटन, 1111 बैंकिंग आउटलेट का उद्घाटन और 10 बीसी सखियों को टूल किट वितरित किए।
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बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक की सीजीएम निशा नांबियार की भी विशेष उपस्थिति रही। उन्होंने डिजिटल बैंकिंग के विस्तार पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैंकर्स समिति की बैठक प्रत्येक तीन माह में एवं प्रत्येक माह जिले में आयोजित करने के भी निर्देश दिये। इस अवसर पर व्यापक ग्रामीण विकास कार्यक्रम के तहत एचडीएफसी बैंक द्वारा 150 वनटांगिया गांवों को गोद लेने का प्रमाण पत्र भी प्राप्त हुआ। बैंक इन गांवों में 75 स्मार्ट क्लास बनाने के साथ-साथ कई विकास कार्य भी करेगा।
इस प्रकार आर्थिक स्थिति में हुआ सुधार
● 2016-17 में प्रदेश में बैंकों द्वारा कुल 137452 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया। जबकि 2022-23 में कुल 300430 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया। वहीं दिसंबर 2023 तक 298551 करोड़ रुपये के लोन बांटे जा चुके हैं।
● 07 वर्षों में 2,42,097 नये बैंकिंग आउटलेट की स्थापना।
● 07 वर्षों में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत 167 लाख नये लाभार्थी जुड़े।
● 07 वर्षों में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत 459 लाख नये लाभार्थी जुड़े।
● केंद्र पोषित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में यूपी नंबर वन।
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