लखनऊ: पद का दुरुपयोग, काम में लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार का चाबुक जारी है। मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) के सख्त रुख के बाद चकबंदी विभाग में लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में सीएम योगी के निर्देश पर आठ मंडलों के दो दर्जन से अधिक चकबंदी अफसरों पर चकबंदी संबंधी मामलों के निस्तारण में देरी, लापरवाही, अनियमितता की गाज गिरी है।
इसमें 13 चकबंदी अफसरों के खिलाफ निलंबन, स्पष्टीकरण मांगने और अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। वहीं, एक उप संचालक चकबंदी अधिकारी को पद से हटाने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि एक उप संचालक चकबंदी अधिकारी से लापरवाही बरतने पर जवाब-तलब किया गया है।इसी तरह एक चकबंदी अफसर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है, साथ स्पष्टीकरण मांगा गया है।
पेंशन में 20 फीसदी कटौती का प्रस्ताव शासन को भेजा गया
चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए समय-समय पर विभाग की समीक्षा बैठक की जाती है। इसी क्रम में हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में कई अफसरों के कार्यों में लापरवाही, अनियमितताएं और भ्रष्टाचार की गतिविधियां पाई गईं। इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी गई, जिस पर सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
इसी क्रम में आठ मंडलों प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, अयोध्या और देवीपाटन के चकबंदी अधिकारियों पर कार्रवाई की गई। इनमें बरेली, हरदोई, ललितपुर, उन्नाव, चित्रकूट और जौनपुर के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी पवन कुमार सिंह, श्रीप्रकाश चंद्र उत्तम, राकेश कुमार, सुरेश कुमार सागर, मनोहर लाल और स्वतंत्र वीर सिंह यादव को चकबंदी कार्यों में अपेक्षित प्रगति न करने पर तलब किया गया है।
वहीं, प्रतापगढ़ के उप संचालक चकबंदी और मुख्य राजस्व अधिकारी राकेश कुमार गुप्ता से पर्यवेक्षणीय दायित्व का निर्वहन न करने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है, जबकि गोरखपुर के उप संचालक चकबंदी अधिकारी राज नारायण त्रिपाठी को कार्य की प्रगति के संबंध में जानकारी न देने पर पद से हटाने के लिए नियुक्ति विभाग को पत्र लिखा गया है। उधर, सेवानिवृत्त सहायक चकबंदी अधिकारी रमेश पाल सिंह राणा की ओर से सेवा में अनियमितता के कारण उनकी पेंशन में 20 प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
लापरवाही के आरोप में कुशीनगर के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी निलंबित
राहत आयुक्त ने बताया कि कार्य में लापरवाही के आरोप में कुशीनगर के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी संतोष कुमार को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा धारा-52 के अंतर्गत लक्षित ग्राम अजगरा का कार्य पूर्ण न करने तथा स्थानांतरित चकबंदी लेखपालों को कार्यमुक्त न करने पर वाराणसी के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी पवन कुमार सिद्धू का वेतन रोकने के साथ ही उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। साथ ही कार्य में शिथिलता के आरोप में क्रमश: शाहजहांपुर, मिर्जापुर, गोरखपुर तथा देवरिया के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी मोहन लाल तत्कालीन, नरेंद्र सिंह, शशिकांत शुक्ला तथा पवन पांडेय के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई।
इतना ही नहीं जांच में अनियमितता पाए जाने पर कन्नौज के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी धमेंद्र सिंह, बाराबंकी के चकबंदी अधिकारी शिव नारायण गुप्ता, बाराबंकी के कनिष्ठ सहायक उमाशंकर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। फतेहपुर के ललौती गांव का कार्य लक्ष्य के अनुरूप पूरा न होने पर सहायक चकबंदी अधिकारी महेंद्र सिंह का वेतन रोक दिया गया। साथ ही स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। इसी तरह बलरामपुर के सहायक चकबंदी अधिकारी संदीप यादव के खिलाफ मस्जिदिया गांव का कार्य पूरा न होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई।
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चकबंदीकर्ता और चकबंदी लेखपाल को निलंबित करने के निर्देश
प्रयागराज के राजेपुर सराय अरजानी गांव और प्रतापगढ़ के धिम्मी गांव का कार्य लक्ष्य के अनुरूप पूरा न होने पर संबंधित सहायक चकबंदी अधिकारी को चिह्नित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। जौनपुर के तियरा गांव का कार्य पूरा न होने पर सहायक चकबंदी अधिकारी संजय मौर्य और चकबंदीकर्ता, चकबंदी लेखपाल को चिह्नित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई और विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए। ग्राम महुआ, आजमगढ़ में कार्य पूर्ण न होने के कारण सम्बन्धित सहायक चकबंदी अधिकारी से स्पष्टीकरण तथा चकबंदीकर्ता एवं चकबंदी लेखपाल का उत्तरदायित्व निर्धारित कर अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिये गये।
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