मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य में भारी बारिश के कारण सड़कें और पुल बह गए, जल आपूर्ति और सिंचाई प्रणालियों के लिए पाइपलाइनों और बिजली लाइनों सहित सार्वजनिक और निजी संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री को बाढ़ के कारण लारजी परियोजना को हुए नुकसान से भी अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाकर राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करने का भी आग्रह किया। प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल में बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से तुरंत एक केंद्रीय टीम भेजने का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री ने इस टीम द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर राज्य को वित्तीय सहायता का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने भी राज्य को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 24 जून को दस्तक देने के बाद मानसून ने जमकर कहर बरपाया है। इस सीजन में अब तक राज्य में 79 जगहों पर भूस्खलन हुआ, जबकि 53 जगहों पर बाढ़ आई। भूस्खलन और बाढ़ के कारण 774 घर, 254 दुकानें और 2337 पशु शेड पूरी तरह से नष्ट हो गए। इसके अलावा 7317 घरों को आंशिक क्षति पहुंची है।