जयपुरः पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार 12वें दिन बढ़ोतरी होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विरोधियों पर करारा पलटवार किया है। उन्होंने प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स वसूली के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे अफवाह करार दिया है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने एक के बाद एक कई ट्वीट्स करते हुए इस मुद्दे पर अपनी बात कही। मुख्यमंत्री गहलोत ने मोदी सरकार से पेट्रोल-डीजल पर से एक्साइज ड्यूटी अविलम्ब घटाकर जनता को राहत देने की अपील दोहराई। गहलोत ने लिखा कि कुछ लोग अफवाह फैलाते हैं कि राजस्थान सरकार पेट्रोल पर सबसे अधिक टैक्स लगाती है, इसलिए यहां कीमतें ज्यादा हैं। भाजपा शासित मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर राजस्थान से ज्यादा टैक्स लगता है। इसलिए जयपुर में पेट्रोल की कीमत भोपाल से कम है।
गहलोत ने लिखा कि कोविड के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है, साथ ही राज्य का राजस्व भी घटा है। लेकिन, आमजन को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने पिछले महीने ही वैट में 2 प्रतिशत की कटौती की है। मोदी सरकार ऐसी कोई राहत देने की बजाय पेट्रोल-डीजल की कीमतें रोज बढ़ा रही है। गहलोत ने लिखा कि मोदी सरकार ने राज्यों के हिस्से वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी को लगातार घटाया है और अपना खजाना भरने के लिए केवल केन्द्र के हिस्से वाली एडिशनल एक्साइज ड्यूटी एवं स्पेशल एक्साइज ड्यूटी को लगातार बढ़ाया है। इससे अपने आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए राज्य सरकारों को वैट बढ़ाना पड़ रहा है। मोदी सरकार पेट्रोल पर 32.90 रुपये एवं डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगाती है। जबकि, 2014 में यूपीए सरकार के समय पेट्रोल पर सिर्फ 9.20 रुपये एवं डीजल पर महज 3.46 रुपये एक्साइज ड्यूटी थी।
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गहलोत ने लिखा कि मोदी सरकार को आमजन के हित में अविलंब एक्साइज ड्यूटी घटानी चाहिए। पेट्रोल-डीजल की कीमतों से आमजन त्रस्त है। पिछले 11 दिनों से लगातार दाम बढ़ रहे हैं। यह मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का नतीजा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें फिलहाल यूपीए के समय से आधी हैं लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई हैं।