गुरुग्राम: जिले में एक ऐसी पैथ लैब का भंडाफोड़ हुआ है, जो कि पूरी तरह से फर्जीवाड़े से चलाई जा रही थी। यह खुलासा सीएम फ्लाइंग स्क्वायड की छापेमारी में हुआ है। छापेमारी में मौके से लैब संचालक को गिरफ्तार किया गया और 45 रैपिड टेस्ट किट व कागजात बरामद किए। बिनौला औद्योगिक क्षेत्र में एक साल से पैथ लैब चलाई जा रही थी। इस दौरान करीब 750 लोगों के टेस्ट इस लैब के माध्यम से किए गए। लैब को राहुल यादव नामक व्यक्ति संचालित करता था।
जानकारी के अनुसार लैब को फर्जी तरीके से चलाने के इनपुट सीएम फ्लाइंग स्क्वायड को मिले थे। ऐसे में टीम के प्रभारी डीएसपी इंद्रजीत यादव के पास जानकारी पहुंची कि राहुल यादव नामक युवक फर्जी तरीके से यहां लैब चलाता है। वह बीएससी पास है। वह राजस्थान के अलवर जिला के गांव जोड़िया का रहने वाला है। इस समय वह रेवाड़ी के गांव बोडिया कमालपुर में रहता है। बीडीएन पैथ लैब नाम से वह लैब संचालित करता है। सीएम फ्लाइंग स्क्वायड की टीम ने बिना कोई देरी किए लैब पर छापेमारी की। स्वास्थ्य विभाग को भी इसकी जानकारी दी गई। छापेमारी के दौरान लैब में एक युवक रक्त के सैम्पल की जांच कर रहा था। टीम के समक्ष उसने बताया कि वह यहां लैब तकनीशियन के तौर पर काम करता है। लैब संचालक राहुल यादव भी उस समय लैब में मौजूद था। छापेमारी टीम की ओर से उससे लैब संचालन के कागजात मांगे गए, लेकिन वह कुछ नहीं दिखा पाया। टीम ने उसे मौके पर ही दबोच लिया। उसने एक साल में 750 से अधिक लोगों के सैम्पल लिए। उनके पास किसी तरह की कोई डिग्री नहीं मिली।
लैब संचालक ने साढ़े तीन हजार रुपये प्रतिमाह से लैब चलाने के लिए दुकान किराए पर ले रखी थी। मौके पर एक रिपोर्ट मिली, जिस पर डॉ. कंचन जैन के डिजिटल हस्ताक्षर हैं। टीम ने जब डॉ. कंचन को बुलाने के लिए कहा तो वह नहीं जानता। इससे साफ हो गया कि कंचन जैन को डॉक्टर के नाम से भी वह फर्जी काम करता था।
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