चम्पावतः विधायक कैलाश गहतोड़ी के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चम्पावत सीट से उप चुनाव लड़ना तय हो चुका है। सीएम गुरुवार को चंपावत भी पहुंच गए, उनके साथ कैलाश गहतोड़ी भी हैं। सीएम गुरु गोरखनाथ धाम दर्शन करने पहुंचे। विधान सभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद विधायक कैलाश गहतोड़ी ने पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर उपचुनाव होने पर चम्पावत सीट छोड़ने का ऐलान किया था। इसके कुछ दिन बाद प्रदेश के पांच अन्य विधायकों ने भी सीएम के लिए अपनी सीटें छोड़ने की पेशकश की थी। वहीं अब कैलाश गहतोड़ी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
जुलाई 2021 में मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी का चम्पावत क्षेत्र से शुरू से लगाव रहा है। सीएम के रूप में छह माह की पहली पारी में उन्होंने बनबसा, टनकपुर, चम्पावत, अमोड़ी, देवीधुरा, नाखुड़ा का दौरा किया। 23 मार्च को सीएम पद की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री धामी का पहला दौरा बनबसा, टनकपुर, पूर्णागिरि धाम का रहा।
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सीएम सीमांत मंच गांव में जन सभा को संबोधित करेंगे। चम्पावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी भी कुछ दिन पहले मंच का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने क्षेत्र की जनता से चम्पावत से चुनाव लड़ने पर मुख्यमंत्री को भारी मतों से जिताने की अपील की थी। अब सीएम का मंच दौरा सीमावर्ती गांवों को वोटरों को साधने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र और उनके पुराने विधानसभा क्षेत्र खटीमा से चम्पावत विधान सभा सीट की दूरी सिर्फ 12 किमी है। मैदान और पहाड़ वाली इस सीट में आधे से अधिक मतदाता टनकपुर और बनबसा में हैं। यह सीट पूर्व सैनिक बाहुल्य भी है। सैनिक पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले सीएम के लिए पूर्व फौजियों की हमदर्दी पहले से ही रही है। इसके अलावा यहां वर्ष 2017 और वर्ष 2022 में यह सीट भाजपा की झोली में गई है।
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