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किसानों के लिए चेतावनी है मौसम में परिवर्तन, पुराने ढर्रे पर चलने से दोगुनी नही होगी आमदनी

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लखनऊः बक्शी का तालाब स्थित राजकीय बीज विक्रय केंद्र पर जो जानकारी दी गई है वह केवल स्थानीय ही नहीं, बल्कि किसानी करने वाले सभी व्यक्तियों के लिए चेतावनी है। यदि समय रहते हुए किसान अपनी खेती की पुरानी पद्धति में बदलाव नहीं करते हैं, तो आने वाले समय में उनके खेत ऊसर भूमि में परिवर्तित हो सकते हैं।

इस जानकारी के साथ किसानों में बेचैनी होना स्वाभाविक है। किसान वैज्ञानिकों ने अपने शोधों के जरिए यह बताने की कोशिश की है कि वातावरण में तेजी से बदलाव हो रहा है। पिछले दिनों इस बारे में ज्यादा जानकारी देने के लिए वैज्ञानिक सत्येंद्र कुमार सिंह तिलहन मेला पहुंचे थे। किसान हैरान हैं कि हर फसल और उसके समय की जानकारी कैसे जुटाई जाए, क्योंकि वह परम्परानुसार खेती करते आए हैं। राजधानी लखनऊ से कुछ ही दूर कस्बा बक्शी का तालाब स्थित राजकीय बीज विक्रय केंद्र पर एकदिवसीय किसान गोष्ठी एवं तिलहन मेला का आयोजन किया गया था। चंद्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह यहां वक्ता तो थे ही, उन पर किसानों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी भी है। इस दौरान उन्होंने फसलों के प्रति अपनी चिंता भी जताई।

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किसानों को बताया कि मौसम में परिवर्तन हो रहा है और वातावरण शिफ्ट हो रहा है। ऐसे में किसानों को अपने बुवाई के समय में परिवर्तन करना होगा। मतलब साफ है कि किसान जिस ढर्रे पर चल रहे हैं, उनसे किसानों की आय दोगुनी करने का सपना साकार नहीं होने वाला है। यह समय है बदलाव का और इसमें आधुनिक तकनीक से खेती करना होगा। सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि वातावरण का तापक्रम 10 प्रतिशत के आस-पास तथा 90 प्रतिशत नमी है, जो कि आलू, टमाटर, बैंगन तथा सरसों की फसल को अधिक प्रभावित कर रही है। कम तापक्रम और अधिक आद्र्रता के कारण आलू पर पछेती झुलसा बहुत तेजी से बढ़ेगा और किसानों को सतर्क रहना चाहिए। मेले में भी उन्होंने किसानों को इस सम्बंध में सलाह दी कि यदि खेत में कहीं-कहीं पर जले जैसे पौधे दिखाई दें, तो तुरंत फफूंदीनाशक कार्बेंडाजिम 12 प्रतिशत तथा मैनकोजेब 63 प्रतिशत की 03 ग्राम मात्रा को 01 लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। बहुत अधिक खेत में नमी होने पर फफूंदीनाशक का छिड़काव न करें। मेला एवं गोष्ठी में सहायक विकास अधिकारी कृषि विजय शंकर सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी।

चिनहट ब्लाक के सहायक विकास अधिकारी विजय शंकर मिश्रा ने जैविक खेती और प्राकृतिक खेती की जानकारी दी, तो बीज केंद्र प्रभारी प्रमोद यादव ने बीज केंद्र पर उपलब्ध कीटनाशक फफूंदी नाशक एवं खरपतवारनासी की उपलब्धता से परिचित कराया। तकनीकी सहायक राहुल गुप्ता ने जैविक कीटनाशकों के द्वारा कीटों का प्रबंधन एवं उनकी उपयोगिता के सम्बंध में कहा कि बिना जानकारी के किसान दवाओं का इस्तेमाल न करें।

  • शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट

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