नेपीताः म्यांमार सेना और विरोधी बलों के बीच चार सीमावर्ती क्षेत्र में हुए संघर्ष में दिसंबर में 60 से अधिक नागरिक मारे गए और हजारों लोग विस्थापित हुए। पिछले वर्ष एक फरवरी को लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) सरकार को सेना द्वारा अपदस्थ किए जाने के बाद दिसंबर में 10वां संघर्ष हुआ। इसमें कम से कम 61 लोग मारे गए और 40,000 लोग पलायन कर गए। कायाह और कायिन प्रातों के साथ ही सागैंग और माग्वाय क्षेत्रों में संघर्ष हुए।
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सैनिक शासन का कहना है कि नवंबर 2020 में देश में हुए चुनाव में धांधली से एनएलडी जीतने में कामयाब हुई थी, लेकिन सेना ने अपने दावे के समर्थन में अभी तक कोई सुबूत पेश नहीं किया है। इसकी जगह सेना नागरिक शासन बहाल करने की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन को कुचलने के लिए हिंसा पर उतारू है।
बैंकाक स्थित राजनीतिक बंदियों के लिए सहायता संघ के मुताबिक, 11 महीने के दौरान 1,382 लोग मारे गए हैं और 8,331 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
म्यांमार में लोकतांत्रिक सरकार का तख्तापलट कर सेना ने सत्ता पर कब्जा कर आंग सान सू की को हिरासत में ले लिया था। राजनीतिक कैदियों के लिए सहायता संघ के निगरानी समूह के अनुसार यह बताया गया कि तख्तापलट के बाद जब लोगों ने इसके इसके खिलाफ आवाज उठाई तो असंतोष पर कार्रवाई में हजारों की संख्या में लोग मारे गए और गिरफ्तार किए गए। वहीं, अभी हाल ही में सू की को छह दिसंबर को उकसाने और कोविड-19 प्रतिबंध तोड़ने के लिए चार साल जेल की सजा सुनाई गई है।
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