Home उत्तर प्रदेश देसी लहसुन भी नहीं बेचना चाहते लखनऊ के व्यापारी, बना रहे दूरी

देसी लहसुन भी नहीं बेचना चाहते लखनऊ के व्यापारी, बना रहे दूरी

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लखनऊः विदेशी लहसुन की चर्चा इन दिनों घर-घर हो रही है। यह लहसुन चाइनीज (Chinese Garlic) बताया जा रहा है। तमाम पाबंदियों के बाद भी बाजारों में यह कभी-कभार दिख जाता है। हालांकि, इस चीनी लहसुन के कारण देसी लहसुन के व्यापारी भी इन दिनों इससे दूरी बना रहे हैं। बीते दिनों शहर की कई मंडियों में विदेशी लहसुन की खेप तलाशी गई तो पता चला कि घातक लहसुन यहां की मंडियों में बेचा जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि किसी प्रकार का जोखिम उठाने से बेहतर है कि लहसुन के स्थान पर अन्य सब्जी बेच लिया जाए।

छापेमारी में पकड़ा गया था चाइनीज लहसुन

बता दें कि बड़ी गांठ और बड़े जवे का लहसुन अभी तक लोग खरीदना पसंद करते रहे हैं। वह बात दीगर है की लोगों को पता नहीं था कि यह कहां की उपज है और इसकी गुणवत्ता क्या है? लेकिन कुछ बातें मीडिया के जरिए तो कुछ अधिकारियों के मंडियों तक दस्तक के बाद घर-घर पहुंचीं। सूत्र बताते हैं कि यह लहसुन अभी डंप है और चोरी छिपे बेचा जा रहा है। इस लहसुन की खेप शहर में आई थी। इसका प्रमाण है यहां अधिकारियों के छापे में चाइनीज लहसुन की बारामदगी। आखिर जिस लहसुन को लोग बड़े चाव से खरीदते थे, उसमें ऐसी आपत्तिजनक चीज क्या है? जिससे एकतरफा दूरियां बना ली गई हैं। इसका जवाब आलमबाग स्थिति भोलाखेड़ा सब्जी मंडी में व्यापारी हरिकृष्ण ने अपने अनुभव के साथ दिया। उन्होंने बताया कि अभी तक पितरपक्ष के कारण ज्यादातर हिंदुओं में लहसुन नहीं खरीदा जा रहा था। इसके बाद नवरात्र के दिनों में भी लोग लहसुन कम खाते हैं। अब सामान्य दिन आएंगे तो पता चलेगा कि यह चाइनीज लहसुन डंप किया गया है या नष्ट कर दिया गया।

क्यों घातक है यह लहसुन

चाइनीज लहसुन की पहचान उसके आकार के साथ कई और तरीके से की जाती है। इसकी जड़े मामूली सी होती हैं, जबकि आकार में यह बड़ा होता है। लखनऊ जिले के अलावा आसपास भी पैदा होने वाले लहसुन में रेशेदार जड़ें होती हैं। जब इसके बारे में घातक प्रचार सामने आया तो पता चला कि इसकी जांच की जा चुकी है। यह टॉक्सिक भी होता है। इसमें एलिसिन कंपाउंड नहीं होने के कारण शरीर को ज्यादा नुकसान देता है। रामबोधन साहू बताते हैं कि इन दिनों ऐसा लहसुन यहां नहीं आ रहा है, क्योंकि आसपास की मंडियों में नमूने लिए गए हैं। वह बताते हैं कि चर्चा रहती है कि एफएसडीए की टीम ने चिनहट, सीतापुर रोड और दुबग्गा मंडी से लहसुन के नमूने लिए। उसके बाद से यहां के व्यापारी लहसुन बेचने से बच रहे हैं। व्यापारी बताते हैं कि लहसुन की खेप आने में कमी हुई है, लेकिन अभी कई व्यापारी इसे खुलेआम बेच रहे हैं।

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जब्त लहसुन नष्ट नहीं

बता दें कि 21 सितंबर को नेपाल से तस्करी कर दो ट्रकों में लाए जा रहे 230 क्विंटल चीनी लहसुन पकड़ा गया था। लखनऊ कमिश्नरेट को इसमें बड़ी कामयाबी मिली थी। इस लहसुन का सेंपल जांच के लिए भी भेजा गया, लेकिन नष्ट नहीं कराया गया। बताया जाता है कि अभी तक इसके परिणामों की पुष्टि नहीं होने के कारण इसे सुरक्षित रखा गया है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी जेपी सिंह की टीम निरीक्षण पर तो निकली, लेकिन अभी तक कार्रवाई किसी पर भी नहीं की।

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