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चीन नहीं छोड़ रहा है हिंदी

HINDI

आगराः केंद्रीय हिंदी संस्थान में हिंदी सीखने और सिखाने के लिए निर्धारित सीटें हैं, इनमें ज्यादातर विदेशी लोगों ने प्रवेश ले रखा है। 100 सीटों में 22 देशों के विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है और 83 विद्यार्थियों का चयन भी किया जा चुका है, लेकिन इनमें चीन के छात्रों की संख्या काफी ज्यादा है। यह स्थिति तब हुई है जबकि दोनों देशों के बीच हालात बड़े नाजुक हैं। इनमें कोरोना जांच के बाद हालात सामान्य नजर आने पर प्रवेश दे दिया गया है।

भारत ने चीनी विद्यार्थियों को हिंदी सीखने के लिए केंद्रीय हिंदी संस्थान में प्रवेश दिया है। संस्थान में विदेशी विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस साल तीन नए देशों से भी विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है। पिछले दिनों दिल्ली में हुई प्रवेश समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत कम करते हुए दिसंबर तक ऑनलाइन कक्षाएं ही संचालित की जाएंगी। बुल्गारिया से दो, चाइना से छह, कोस्टा रीका से चार, इजिप्ट से दो, फिजी से एक, गुयाना से तीन, हंगरी से एक, आयरलैंड से एक, जापान से दो, कजाकिस्तान से एक, मोंगोलिया से चार, मोरक्को से एक, म्यांमार से चार, पेरू से एक, पौलेंड से एक, रोमानिया से दो, रशिया से 11, साउथ कोरिया से एक, श्रीलंका से 10, तजाकिस्तान से 11, थाईलैंड से 13 व उजबेकिस्तान से एक छात्र को प्रवेश दिया गया है।

दो मंत्रालयों ने लिया निर्णय

भारत-चीन में बढ़ते तनाव के बाद चीनी विद्यार्थियों को प्रवेश देने के मामले पर शिक्षा और विदेश मंत्रालय विचार कर रहा था। इसके लिए दिल्ली में एक बैठक की गई और इसमें दोनों मंत्रालयों से चीनी विद्यार्थियों को प्रवेश देने के मामले पर हरी झंडी मिल गई। चीन से छह विद्यार्थियों ने आवेदन किया था। कोरोना के कारण इस बार संस्थान ने ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का फैसला लिया है। यह कक्षाएं अक्टूबर से दिसंबर तक लगेंगी। वैश्विक स्तर पर स्थितियां अनुकूल हुईं तो जनवरी से आगरा स्थित मुख्यालय में ऑफलाइन कक्षाएं लगाई जाएंगी। विद्यार्थियों को प्रवेश सूचना के साथ ही ओरिएंटेशन कार्यक्रम की रूपरेखा भी भेजी जाएगी। प्रवेश समिति की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि अगर अन्य किसी देश से आवेदन प्राप्त होता है तो निदेशक का निर्णय मान्य होगा।

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दिसंबर तक ऑनलाइन कक्षाएं ही लगेंगी

संस्थान में हर साल जिन देशों के दूतावासों के माध्यम से आवेदन आते थे, उनके अलावा इस साल तीन नए देशों से भी हिंदी सीखने के लिए विद्यार्थियों के आवेदन आए हैं। यह देश पेरू, कोस्टा रीका और आयरलैंड हैं। वर्जन कोरोना के कारण इस साल दिसंबर तक आॅनलाइन कक्षाएं ही लगेंगी। संस्थान पूरी तरह से तैयार है।