लखनऊः संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (PGI ) की 100वीं गवर्निंग बॉडी की बैठक में बाल रोगियों के लिए नए गुर्दे विज्ञान विभागों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इस बैठक में पीडियाट्रिक यूरोलाजी और पीडियाट्रिक नेफ्रोलॉजी विभाग को भी मंजूरी मिली है। वर्तमान में किसी भी सरकारी संस्थान में इन दोनों विभागों का अलग से संचालन नहीं हो रहा है।
दोनों विभागों में होगी 20-20 बेडों की व्यवस्था
मिली जानकारी के अनुसार, दोनों विभागों में 20-20 बेडों की व्यवस्था की जाएगी। नेफ्रोलॉजी विभाग में वेंटिलेटर व डायलिसिस की सुविधा की प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, ऑर्थोपेडिक्स, टेलीमेडिसिन व डिजिटल हेल्थ जैसे विभागों के भी संचालन की मंजूरी दे दी गई। ऑर्थोपेडिक्स विभाग जिसमें ऑर्थोपेडिक्स, स्पोट्र्स मेडिसिन, हैंड सर्जरी, स्पाइनल सर्जरी और हिप और जॉइंट सर्जरी के एमडी सहित नए पाठ्यक्रम शुरू होंगे। यह निर्णय बच्चों के उपचार और संशोधन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे उन्हें उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवाएं प्राप्त करने में मदद मिल सके।
मरीजों को मिलेगी बेहतर सुविधा और इलाज
इस दौरान मुख्य सचिव ने रेडियोथेरेपी और ऑन्कोलॉजी, पीडियाट्रिक यूरोलॉजी और कार्डियो वैस्कुलर और थोरेसिक सर्जरी में नए एकीकृत छह साल के सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों को भी मंजूरी दी है। उन्होंने निर्देश दिया कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से उचित मंजूरी ली जाए। प्रो. आरके धीमान ने बताया कि विभिन्न विभागों में 91 संकाय पद पर नियुक्ति हो चुकी है। 1,459 में समूह ख और ग की नियुक्तियां हो चुकी हैं। इससे मरीजों को बेहतर सुविधा और इलाज मिल सकेगा।
(रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान, लखनऊ)