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ड्रोन उड़ाकर चहक उठे स्कूली बच्चे, फ्लाइंग सेशन के साथ खत्म हुई कार्यशाला

रायपुर: वर्तमान दौर में ड्रोन उड़ाने और उसकी तकनीक को जानना जरुरी हो गया है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों को इससे अवगत कराने के लिए रीजनल साइंस सेन्टर में पांच दिवसीय हैण्ड्स ऑन प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में हिस्सा लेने वाले 50 छात्रों ने ड्रोन उड़ाने और उसकी तकनीक को जाना। स्कूली बच्चों की इस कार्यशाला में दो दिनों की थ्योरी कक्षाओं के साथ शुरू हुआ। साथ ही अगले तीन दिनों की असेम्बिलिंग और ड्रोन फ्लाइंग सेशन के साथ समाप्त हुआ। इस कार्यशाला में स्वामी आत्मानंद शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला, लालपुर एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला अमलीडीह के नवमी से बारहवीं तक के कुल 50 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

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गौरतलब है कि कार्यशाला के दौरान कुछ समय के लिए जशपुर के पहाड़ी कोरवा बच्चे भी शामिल हुए। उन्होंने साईंस सेंटर का अवलोकन किया और ड्रोन के बारे में भी जाना। बच्चों ने कहा कि ड्रोन तकनीक भविष्य की जरुरत है। हम साइंस सेंटर की सहायता से सिर्फ परिचित ही नहीं हुए, बल्कि उसे स्वयं उड़ाकर भी देखा। साइंस सेंटर की यह कार्यशाला विज्ञान के नवीन तकनीकों को सीखने के लिए बेहतर प्लेटफार्म है। कार्यशाला का आयोजन परियोजना संचालक डॉ. शिरिष कुमार सिंह के मार्गदर्शन में हुआ।

प्रशिक्षकों ने बताया कि आगामी कुछ दिनों में छत्तीसगढ़ रीजनल साइंस सेन्टर में बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट एवं एयरो मॉडलिंग पर दो और हैण्ड्स ऑन कार्यशाला का भी आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला में आए छात्रों तथा उनके शिक्षक एवं अभिभावकों ने पूर्व में रीजनल साइंस सेंटर में आयोजित 10 दिवसीय रोबोटिक्स कार्यशाला की सराहना की।

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