लखनऊ: लोकसभा चुनाव खत्म होते ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिर से अपने फार्म में लौट आए हैं। मंत्रिमंडल की बैठक में उन्होंने ‘संवाद, समन्वय और संवेदनशीलता’ का मंत्र दिया और जनता के बीच रहकर काम करने का निर्देश भी मंत्रियों को दिया। उन्होंने शनिवार को कैबिनेट की विशेष बैठक की। उन्होंने कहा है कि सरकार जनता के लिए है और हमारे लिए जनता का हित सर्वोपरि है, ऐसे में समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की समस्याओं, अपेक्षाओं और जरूरतों का समाधान होना जरूरी है। मंत्री फील्ड में जाएं, संवेदनशीलता के साथ जनता से संवाद करें और स्थानीय जनप्रतिनिधियों और शासन-प्रशासन से समन्वय बनाकर समस्याओं का समाधान करें। जहां भी कोई समस्या हो, मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराएं, आपको हर समय पूरा सहयोग मिलेगा।
जनता को बतानी होंगी सरकार की नीतियां
पहली बैठक में मुख्यमंत्री ने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने वाले और सांसद चुने गए मंत्रियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के 10 वर्षों में जिस तरह से उत्तर प्रदेश में विकास ने गति पकड़ी है, आने वाले 05 वर्षों में हम कई नए कीर्तिमान बनाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि सभी माननीय मंत्रीगण केन्द्र व राज्य सरकार की उपलब्धियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाएं। डबल इंजन सरकार की नीतियों, निर्णयों व उनके सकारात्मक परिणामों को जनता को बताना होगा।
मंत्रियों से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मंत्री हों या अन्य जनप्रतिनिधि, सभी को वीआईपी कल्चर से बचना होगा। हमारी कोई भी गतिविधि ऐसी न हो, जिससे वीआईपी कल्चर प्रदर्शित हो, इसके लिए सभी को सजग व सावधान रहना होगा।
अर्थव्यवस्था पर खास जोर
विभागीय कार्ययोजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एक ट्रिलियन रुपए की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। इसमें हर विभाग की जिम्मेदारी पहले से तय है। मंत्रियों की जिम्मेदारी है कि लक्ष्य के अनुरूप प्रगति की समीक्षा करें, जहां भी कोई समस्या हो, उसे तत्काल ठीक कराएं। उन्होंने भावी कार्यक्रमों पर चर्चा करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में वृहद वृक्षारोपण, स्कूल चलो अभियान व संचारी रोग नियंत्रण के कार्यक्रम हैं। इनकी सफलता के लिए सभी को प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रथम तिमाही समाप्त होने वाली है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी विभाग वर्तमान बजट में उपलब्ध धनराशि का समुचित व्यय करें। आवंटन एवं व्यय में गति अपेक्षित है। विभाग स्तर पर व्यय की समीक्षा भी की जाए। संबंधित मंत्री अपने विभागीय स्थिति की समीक्षा करें। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य के समग्र विकास के लिए हमें केंद्र सरकार से हर सम्भव मदद मिल रही है। केंद्र से समन्वय स्थापित कर अवशेष धनराशि प्राप्त करें। विभागीय मंत्री स्वयं भारत सरकार के मंत्रियों से संवाद स्थापित करें। केंद्रांश के अभाव में परियोजना को अवरुद्ध न रखें। नियमानुसार राज्यांश जारी कर कार्य जारी रखा जाए।
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हर समस्या का त्वरित निवारण
सभी विभाग शत-प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण पत्र समय से भेजना सुनिश्चित करें। जन सुनवाई को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी की संतुष्टि एवं राज्य की प्रगति राज्य सरकार के सभी जनकल्याणकारी प्रयासों के मूल में है। जन सुनवाई समाधान प्रणाली (आईजीआरएस एवं सीएम हेल्पलाइन) आम लोगों की शिकायतों/समस्याओं के सरल समाधान के लिए अत्यंत उपयोगी माध्यम है। मंत्री हों, अन्य जनप्रतिनिधि हों या अधिकारी/कर्मचारी, सभी की जिम्मेदारी है कि आईजीआरएस पर प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों का प्राथमिकता के साथ त्वरित गति से निस्तारण किया जाए। उन्होंने कहा कि हमने अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों के संबंध में थाना, तहसील और जिला स्तर पर की जा रही कार्यवाही की भी मंत्रीगण समीक्षा करें। उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठकों के लिए ई-कैबिनेट व्यवस्था और सभी विभागों में ई-ऑफिस के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी जोर दिया।
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