गुरुग्रामः मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आए समाज के लोगों के लिए संविधान में आरक्षण का प्रावधान करने की बात कही गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सुना है उस समय समाज के लोगों ने आरक्षण लेने से इंकार कर दिया था और अपने पुरुषार्थ से खुद को मजबूत बनाया। यह बात उन्होंने शनिवार को यहां सीएसआर ट्रस्ट हरियाणा के उपाध्यक्ष बोधराज सीकरी की ओर से आयोजित आभार समारोह में कही। समारोह में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने भी शिरकत की।
इससे पूर्व बोधराज सीकरी एवं उनकी पत्नी सुरेश सीकरी ने मुख्यमंत्री समेत सभी अतिथियों का स्वागत किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पुस्तक का यहां लोकार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के समय बुजुर्गों ने बहुत पीड़ा झेली है। उनके बुजुर्गों ने उन्हें बताया था कि किस तरह से वे पाकिस्तान से भारत पहुंचे थे और यहां अपने को पुरुषार्थ करके स्थापित किया। इस समाज की संघर्ष की गाथा परमार्थ की है। न केवल समाज की सेवा की है, बल्कि उद्योग और व्यापार के माध्यम से देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत भी किया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि जब संविधान बना था, उसमें इस समाज के लिए आरक्षण के प्रावधान पर चर्चा हुई थी। समाज के अग्रणी लोगों ने आरक्षण लेने से इंकार कर दिया था। कहा था कि अगर आरक्षण ले लिया तो हमारा पुरुषार्थ का माद्दा खत्म हो जाएगा। नई पीढ़ी उन बुजुर्गों से, उनके जीवन से जरूर प्रेरणा ले, ताकि उनमें देश प्रेम की भावना जागृत हो। देश प्रेम किताबों में पढ़ने से नहीं आता। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बोधराज सीकरी के सम्मान में कहा कि उनमें समाजसेवा की धुन लगी रहती है। प्रदेश में सीएसआर ट्रस्ट का उन्हें उपाध्यक्ष बनाया गया है।
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