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आदि महोत्सव में छत्तीसगढ़ की चापड़ा की धूम, दो दिन में खत्म हुई 25 किलो चटनी

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जगदलपुर: देश की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित आदि महोत्सव 17 फरवरी से 27 फरवरी तक मेजर ध्यानचंद इंटरनेशनल स्टेडियम नई दिल्ली में अयोजित किया गया है। आदि महोत्सव में 28 राज्य के लोगों के साथ छत्तीसगढ़ से बस्तर से एकमात्र फूड स्टॉल नंबर एफ 02 में लगी है, जिसका संचालन आमचो बस्तर ढाबा कोडेनार थिरतुम के संचालक राजेश यालम के द्वारा किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि बस्तर के फूड स्टॉल में चापड़ा चटनी, महुआ चाय, बस्तरिया लंदा, मडिया पेज, जोंदरा पेज, महुआ के लड्डू सहित 27 प्रकार के व्यंजनों का दिल्लीवासी इसका लुत्फ उठा रहे हैं। उन्होने बताया कि देश के राजधानी दिल्ली में चापड़ा चटनी की इतनी डिमांड है कि 25 किलो चापड़ा दो दिनों में खत्म हो गई। आदि महोत्सव में बस्तर से फूड स्टॉल को दिल्ली के लोग काफी पसंद कर रहे हैं।

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चापड़ा चटनी क्या है –

पेड़ों पर मिलने वाली लाल रंग की चींटी को स्थानीय लोग चींटा भी कहते हैं। बस्तर में यह चापड़ा के नाम से ज्यादा मशहूर है, यह चापड़ा चींटा अपनी लार से पत्तों को आपस में चिपका कर अपने लिए घर बनाते हैं। स्थानीय जानकार रूद्रनारायण पानीग्राही के मुताबिक सरई और आम, जामुन और चौड़े पत्ते वाले पेड़ में ये अपना घर बनाते हैं, जिसे निकालकर चापड़ा की चटनी बनाई जाती है। पर्यटकों की सबसे पसंदीदा है। उन्होंने बताया कि पेड़ों से इन चींटियों को जमा करके पीसा जाता है और स्वाद के मुताबिक इसमें नमक, मिर्च अदरक, लहसून मिलाया जाता है, जिससे इसका स्वाद चटपटा हो जाता है और फिर इसे बड़े ही चाव से खाते हैं। चापड़ा चींटी में फॉर्मिक एसिड होता है जिसके चलते इससे बनी चटनी चटपटी होती है।

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