रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कार्मिकों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के कोरोना वैक्सीनेशन के लिए टीकों की पहली खेप जल्द पहुंचने वाली है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रोटोकॉल के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में इन टीकों के वितरण, परिवहन और भंडारण की पुख्ता व्यवस्था की है। सभी जिलों में टीकाकरण के लिए ड्राई रन और आपात स्थिति से निपटने का पूर्वाभ्यास भी किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ को भारत सरकार की ओर से पहली खेप में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की निर्मित कोविशील्ड के तीन लाख 23 हजार टीके उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ये टीके आईसीएमआर की ओर से प्रमाणित हैं। जिलों में टीके भेजने एक राज्य स्तरीय, तीन क्षेत्रीय और 27 जिला स्तरीय कोल्ड चैन प्वाइंट्स बनाए गए हैं। प्रदेश में टीकों के सुरक्षित भंडारण व परिवहन के लिए अभी 630 क्रियाशील कोल्ड चेन प्वाइंट और 85 हजार लीटर से अधिक कोल्ड चैन स्पेस उपलब्ध है। इनके साथ ही 81 अतिरिक्त कोल्ड चैन प्वाइंट भी स्थापित किए गए हैं। वैक्सीन के परिवहन के लिए 1311 कोल्ड-बॉक्स उपलब्ध हैं। सीरिंज, नीडल व अन्य सामग्रियों के भंडारण के लिए प्रदेश भर में 360 ड्राई-स्टोरेज भी बनाए गए हैं।
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में टीकाकरण के लिए 1349 स्थल चिन्हांकित किए गए हैं। यहां कुल दो लाख 67 हजार 399 हेल्थ-केयर वर्करों, राज्य व केंद्रीय कर्मचारियों व सशस्त्र बलों को टीके लगाए जाएंगे। टीकाकरण के लिए 7116 टीकाकरण कर्मियों को चिन्हांकित कर इसका प्रशिक्षण दिया गया है। सभी 28 जिलों में 83 स्थानों पर कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया जा चुका है। टीकाकरण के बाद किसी भी तरह की प्रतिकूल घटना या आपात स्थिति के प्रबंधन के लिए राज्य स्तर से लेकर टीकाकरण स्थलों तक एईएफआई प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ किया गया है। सभी टीकाकरण केंद्रों को नजदीकी एईएफआई प्रबंधन प्रणाली जैसे मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जोड़ा गया है। टीकाकरण के दौरान एवं बाद में जैव चिकित्सकीय अपशिष्टों के प्रबंधन के लिए भी समुचित व्यवस्था की गई है। राज्य में वैक्सीन लॉन्च के लिए 99 केंद्र चिन्हित किए गए हैं। वैक्सीन लांच के टू-वे इंटरेक्शन के लिए रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय और जगदलपुर के महारानी अस्पताल को चिन्हित किया गया है।