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Chhattisgarh: भाजपा के निशाने पर बघेल सरकार, क्या कांग्रेस गवां देगी छत्तीसगढ़ का मजबूत किला ?

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chhattisgarh election 2023: इस साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है, उनमें से एक राज्य छत्तीसगढ़ है। छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीट है। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 46 है। राज्य में दो चरणों में मतदान होंगे 7 और 17 नवंबर। चुनाव का परिणाम पांच राज्यों के साथ ही 3 दिसंबर को ही आएंगे।  छत्तीसगढ़ कांग्रेस व मुख्यमंत्री भूपेश का मजबूत किला माना जाता है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव भूपेश सरकार बनाम भाजपा के बीच होने के आसार नजर आने लगे हैं। कांग्रेस के निशाने पर जहां भाजपा और केंद्र की सरकार है, तो वहीं भाजपा के निशाने पर पूरी तरह भूपेश बघेल सरकार है।

अपने-अपने शासनकाल की खामियां गिनाने में जुटी पार्टियां

दरअसल, राज्य के गठन बाद यह पहली बार है कि किसी कांग्रेस सरकार ने पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है। इससे पहले राज्य में 15 साल तक बीजेपी सत्ता में थी। राज्य गठन के बाद तीन साल तक कांग्रेस की सरकार सत्ता में रही। इसलिए दोनों पार्टियां अपने-अपने शासनकाल की उपलब्धियां और एक-दूसरे के शासनकाल की खामियां गिनाने में जुटी हैं। कांग्रेस ने राज्य में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल की थी और बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। साथ ही उन्हें सत्ता से बाहर होना पड़ा।

अब जब चुनाव नजदीक आ गए हैं तो बीजेपी पूरी तरह से भूपेश बघेल सरकार पर हमलावर है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस पिछले पांच वर्षों में सरकार द्वारा किए गए नवाचारों का उल्लेख कर रही है, जिसमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों में सबसे पहला कदम गाय के गोबर और गोमूत्र की खरीद के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में गौशालाओं का निर्माण करना है। । इतना ही नहीं सरकार रूरल इंडस्ट्रियल पार्क को भी अपनी उपलब्धि के तौर पर गिना रही है।

बीजेपी के निशाने पर बघेल सरकार

इसके अलावा सरकार बेरोजगारों को दिए जा रहे बेरोजगारी भत्ते, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों और ओबीसी के लिए आरक्षण के साथ-साथ कर्मचारियों के नियमितीकरण और उनके हित में लिए गए फैसलों का जोर-शोर से प्रचार-प्रसार कर रही है। वह केंद्र सरकार पर असहयोग का भी आरोप लगा रही हैं।

एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमलावर है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के निशाने पर सीधे तौर पर भूपेश बघेल हैं। उन पर शराब घोटाला, रेत घोटाला, कोयला घोटाला से लेकर कई घोटालों में शामिल होने का आरोप लग रहा है। बीजेपी कई सरकारी अधिकारियों पर घोटालों में शामिल होने का भी आरोप लगा रही है क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसियों ने कई अधिकारियों के पास से करोड़ों की संपत्ति बरामद की है और उन्हें जेल की हवा खानी पड़ रही है।

बघेल सरकार बनाम बीजेपी के बीच होगा मुकाबला

छत्तीसगढ़ के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य का चुनाव पूरी तरह से भूपेश बघेल सरकार बनाम बीजेपी के बीच होने वाला है। यही कारण है कि चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या गृह मंत्री अमित शाह या पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, सबके निशाने पर है भूपेश बघेल की सरकार और उन घोटालों का जिक्र है जिन पर केंद्रीय जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं। यह अलग बात है कि कांग्रेस इसे ऐसी राजनीतिक दुश्मनी का नतीजा बता रही है, लेकिन जनता के बीच इस घोटाले की चर्चा है। वहीं दूसरी ओर भूपेश बघेल का जनहितैषी फैसला भी जनता के बीच है, कुल मिलाकर यह चुनाव भूपेश बघेल बनाम भाजपा होता नजर आ रहा है।

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