Chernobyl Drone Attack: शांति वार्ता की खबरों के बीच रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर मिसाइल हमला करने के बाद अब ड्रोन से हमला किया है। अब रूस ने यूक्रेन के चेरनोबिल परमाणु केंद्र को ड्रोन से निशाना बनाया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की ने हमले की पुष्टि की है । लेंस्की का दावा है कि ड्रोन उस ढाल पर गिरा जो 1986 में दुर्घटना के बाद रिएक्टर के अवशेषों की सुरक्षा के लिए बनाई गई थी। ज़ेलेंस्की का कहना है कि रूस का इस तरह से परमाणु स्थलों को निशाना बनाना बेहद खतरनाक है।
Chernobyl Drone Attack: जेलेंस्की ने शेयर की वीडियो
यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने एक्स पर फुटेज पोस्ट की । इस हमले में उच्च स्तरीय विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था। इसके कारण यहां बिजली इकाई को कवर करने वाली कंक्रीट की छत को भारी नुकसान पहुंचा है। आग बुझा दी गई है। इस शील्ड को रेडियोधर्मी पदार्थ के रिसाव को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह 275 मीटर (900 फीट) चौड़ा और 108 मीटर (354 फीट) ऊंचा है और इसे बनाने में 1.6 बिलियन डॉलर की लागत आई है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने कहा कि रात में विस्फोट के कुछ ही मिनटों के भीतर अग्नि सुरक्षा कर्मियों और वाहनों ने जवाबी कार्रवाई की। एजेंसी ने कहा कि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। दुनिया भर में परमाणु सुरक्षा पर नज़र रखने वाली IAEA ने कहा कि चेरनोबिल के अंदर और बाहर विकिरण का स्तर सामान्य और स्थिर बना हुआ है।
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26 अप्रैल 1986 इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण तारीख
बता दें कि 26 अप्रैल 1986 यूक्रेन के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण तारीख है। इस दिन यहां एक सुरक्षा परीक्षण किया गया था। हालांकि परीक्षण नियंत्रण से बाहर हो गया। अत्यधिक बिजली और भाप उत्पादन के कारण कई विस्फोट हुए। परमाणु रिएक्टर में विस्फोट हो गया और यह घटना इतिहास की सबसे बड़ी परमाणु दुर्घटना के रूप में दर्ज की गई। इस घटना में 31 लोगों की जान चली गई थी। इनमें से 28 की मौत अत्यधिक विकिरण के कारण हुई। इस घटना का असर लंबे समय तक रहा और हजारों लोग कैंसर के कारण असमय मर गए। यहां से निकलने वाला विकिरण सालों तक फैलता रहा।