देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून में आर्मी इंटेलिजेंस ने स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को सूचना दी कि एक व्यक्ति फर्जी ARMY अफसर बनकर युवाओं को नौकरी के नाम पर ठग रहा है। वह भर्ती के नाम पर तीन से साढ़े तीन लाख रुपये ले रहा है। एसटीएफ ने फर्जी आर्मी अफसर को काबू कर उसके कब्जे से सेना की वर्दी व अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
ARMY में पहचान का देता था झांसा
उत्तराखंड एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने मंगलवार को बताया कि प्रमोद कुमार उर्फ वासु पुत्र अनिल कुमार निवासी चंद्रपाल खेड़ी, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के नाम से शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता युवक ने बताया कि वासु ने खुद को आर्मी अफसर बताते हुए कहा कि उसकी सेना में अच्छी जान-पहचान है। उसने कहा कि सेना में ट्रेडमैन के कई पद खाली हैं, जिन पर वह नौकरी लगवा सकता है।
ARMY की वर्दी पहनकर करता था बात
इसके बदले में वह प्रत्येक व्यक्ति से तीन से साढ़े तीन लाख रुपये लेता है। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि वह मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून में भी सेना की वर्दी पहने मिला था, जिससे उन्हें यकीन हो गया कि वह सेना का अफसर है। दूसरे शिकायतकर्ता परवेज पुत्र सलीम निवासी पटेल नगर ने बताया कि उसे सेना में चालक पद पर भर्ती के लिए एडमिट कार्ड दिया गया था और बाद में उसे फर्जी मेरिट लिस्ट दिखाकर बताया गया कि उसका चयन हो गया है। जब वह मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून पहुंचा तो पता चला कि मेरिट लिस्ट फर्जी थी। वासु ने मेरिट लिस्ट में एडिट कर अपना नाम जोड़ लिया था।
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इस पर परवेज ने पटेल नगर थाने में प्रमोद कुमार उर्फ वासु व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ ने बताया कि पीड़ितों की शिकायत व आर्मी इंटेलिजेंस के इनपुट के आधार पर आरोपी जालसाज वासु को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के कब्जे से फर्जी आर्मी पहचान पत्र, एक जोड़ी आर्मी वर्दी व अन्य आर्मी से संबंधित कपड़े व मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। पुलिस टीम में इंस्पेक्टर अबुल कलाम, यादविंदर सिंह बाजवा, विद्या दत्त जोशी, सब इंस्पेक्टर संजय मेहरोत्रा आदि मौजूद रहे।
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