धमतरीः कोरोना संकट काल के दो साल के बाद मुस्लिम भाईयों ने पहली बार ईदगाह में नमाजे ईद-उल-फितर (Eid) अदा की। मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार की घटना के विरोध में मुस्लिम भाईयों ने अपने हाथों में काली पट्टी बांधी। उधर, ईद को लेकर मुस्लिम समाज में काफी उत्साह रहा। सुबह से ही ईदगाह में नमाज पढऩे के लिए लोग उमड़ पड़े। नमाजे ईद अदा करने के बाद देश में अमन-चैन और खुशहाली के लिए दुआ मांगी गई। अन्य सम्प्रदाय के लोगों ने भी अपने मुस्लिम भाईयों को ईद की मुबारकबाद देकर यहां की आपसी प्रेम और सद्भावना की गौरवशाली परंपरा को कायम रखा।
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आपसी प्रेम और सौहाद्र का प्रतीक ईद त्यौहार मंगलवार को बड़े उमंग और उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर हनफिया मस्जिद के पेश ईमाम मौलाना तौहिद आलम ने फरमाया कि रमजान महीने में मशक्कत भरी इबादतें पूरी कर लेने के बाद अल्लाह पाक ने अपने मोमिन बंदों के लिए खुशी का एक मुबारक दिन अता फरमाया है, जिसे ईदुल फितर कहा जाता है। ईद (Eid) हमारी खुशियों का एक इस्लामी त्यौहार हैं। दरअसल यह खुशी उनके लिए है, जिन्होंने रमजान का हक अदा किया। अल्लाह व रसूल की तरफ से खुशियों की बशारत उन्हीं लोगों के लिए है, जिन्होंने अल्लाह व रसूल की हिदायत के मुताबिक रमजान का महीना गुजारा है। ऐसे ही लोगों के लिए अल्लाह पाक फरिश्तों की भरी महफिल में ऐलान फरमाता है, फरिश्तों गवाह रहना, मैने इन्हें बख्श दिया।
अल्लाह की तरफ से बख्शीश की बशारत बहुत बड़ा ईनाम है, इसी के शुक्राने में हमें दो रकात नमाज अदा करके अपने रब की अताओं की याद ताजा करने का हुक्म दिया गया। ईद की नमाज वाजिब है। अदा करके अपने रब का शुक्रिया अदा करे। उन्होंने आगे कहा कि हम अपनी जिंदगी को पैगम्बरे इस्लाम के बताए रास्ते पर चलकर गुजारे। हमारा किरदार मुस्तफा की तरह होना चाहिए। इस मौके पर सदरे अंजुमन हाजी नसीम अहमद, हाजी हारून, सैय्यद असफाक हाशमी, डा. अब्दुल कदीर, हाजी अब्दुल करीम, इकबाल रोकडिय़ा, मो युसूफ रिजवी, दिलावर रोकडिय़ा, ताजुद्दीन खत्री, मो शाह अहमद, मो युसूफ रजा, अब्दुल रज्जाक रिजवी, सलीम रोकडिय़ा आदि ने अपनी ओर से ईद की मुबारकबाद दी।
नफरत फैलाने वालों पर हो कार्रवाई
अंजुमन इस्लमिया कमेटी के प्रवक्ता मो. वसीम कुरैशी और दिलावर रोकडिय़ा ने बताया कि देश के कुछ राज्य विशेषकर उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक में मुस्लिमों को टारगेट बनाकर उन पर जो हमले हो रहे हैं, उससे मुस्लिम समाज आहत है। ईद के मौके पर अपना विरोध जताते हुए उन्होंने काली पट्टी बांधी। देश के मुखिया नरेन्द्र मोदी से उन्होंने नफरत फैलाने वालों तथा आपसी सद्भाव को ठेस पहुंचाने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ा कानून बनाकर कार्रवाई करने की मांग की है।
भाईचारे पर जोर
मदीना मस्जिद के पूर्व पेश ईमाम तनवीर रजा ने कहा कि खुशनसीब है वे मुसलमान, जिन्होंने पाबंदी के साथ रोजा रखा और खुदा की ईबादत की। वतन-ए-हिन्दुस्तान में आपसी भाईचारे को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि इस्लाम आपस में मोहब्बत करना सिखाता है। सभी कौम के लोगों के बीच आपसी मोहब्बत हो और सब एक-दूसरे के खुशी में शामिल होए तो इंसानियत का चेहरा भी खिल उठता है। शहर केआपसी प्रेम और सद्भावना की गौरवशाली परंपरा को कायम रखते हुए अन्य सम्प्रदाय के लोगों ने भी अपने मुस्लिम भाईयो को ईद की मुबारकबाद दी।
विधायक रंजना साहू, महापौर विजय देवांगन, मदन मोहन खंडेलवाल, मोहन लालवानी, हरमिंदर छाबड़ा, आनंद पवार, चेतन हिन्दूजा, डीपेन्द्र साहू, विजय साहू, आशीष रात्रे, अशोक मेश्राम, शंकर ग्वाल, जय हिन्दूजा, अखिलेश सोनकर, योगेश लाल, आदि ने अपने मुस्लिम भाइयों को ईद की मुबारकबाद देते हुए कहा कि यह पर्व हमें आपसी भाईचारा और एकता का संदेश देता रहेगा।
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