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प्रवासी पक्षियों के कलरव से गूंजा चंबल सेंचुरी, प्रजनन काल के बाद लौटेंगे स्वदेश

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औरैयाः सर्दियां का मौसम शुरू हो गया है और मध्य एशिया के क्षेत्रों में हिमपात होने लगा है। जिसके कारण भारत में विदेशी मेहमान पक्षियों का आना शुरू हो गया है। मेहमान पक्षियों को देखने के लिए यूपी के चंबल सेंचुरी में दूरदराज के लोग आते हैं। गौरतलब है कि, यह पक्षी यहां पर प्रजनन काल तक रुकते हैं और जैसे ही इनके अंडों से बच्चे निकल आते हैं तो यह अपने देश बच्चों के साथ वापस लौट जाते हैं।

प्रजनन के लिए पक्षियों ने बनाएं घोसलें
आगरा से लेकर पंचनद तक फैली चम्बल सेन्चुरी इलाका सर्दी के मौसम में प्रवासी विदेशी पक्षियों का डेरा बन जाता है। इनके आने से चम्बल की सुन्दता को चार-चांद लगा जाते हैं। सर्दी की शुरूआत होते ही अभी कुछ प्रजातियों के पक्षी ही यहां आए हैं लेकिन जो पक्षी आ गए हैं उन्होंने प्रजनन के लिए घोसलें भी बना दिये हैं।

मेहमान पक्षियों को भाता है यमुना-चम्बल का संगम
इन पक्षियों को देखने लिए दूर-दूर से पर्यटक देखने के लिए नवम्बर के अंतिम सप्ताह से चम्बल सेंचुरी में आना शुरू हो जाते हैं। सबसे ज्यादा इनकी संख्या यमुना व चम्बल के संगम पर देखने को मिलती हैं। इसके साथ ही अन्य जगह कम संख्या में यह विदेशी मेहमान देखने मिलते हैं।

जनवरी में बढ़ेगा इनका कुनबा
चम्बल फाउंडेशन के शाह आलम ने बताया कि जनवरी में प्रवासी पक्षियों की संख्या में और इजाफा होगा। ठंडे देशों से भारत के विभिन्न हिस्सों में आए पक्षी चम्बल और यमुना में जल विहार करते हैं। जानकारों ने बताया कि, मध्य एशिया के ठंडे देशों में जब हिमपात होने लगता है तब यह पक्षी लाखों-हजारों किलोमीटर का लंबा सफर तय करके यहां पहुंचते हैं। सर्दी खत्म होने के बाद मेहमान पक्षी अपने वतन को वापस लौट जाते हैं।

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प्रमुख प्रवासी पक्षी
चंबल क्षेत्र में यह प्रमुख विदेशी पक्षी जल विहार करने के लिए आते हैं। इनमें पेलिकाल, बरहेडिल, स्पूनबिल, पिगटल, कामेटिंक, शोबिल्क, कोभ क्रेन, डेमेसिल क्रेन, तर्नरफ, सेंट पाईप, समोमेंजर, पापलर, गोजर्नि, कोमन, पिचई, लेटर एच, टुडेन्ट आदि प्रमुख हैं।

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