नई दिल्ली: चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत सोमवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति का जायजा लेने के लिए लद्दाख सेक्टर पहुंचे। दो दिवसीय दौरे पर उन्हें लेह स्थित ‘फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स’ के शीर्ष कमांडर मौजूदा हालात के बारे में जानकारी देंगे। हाल ही में चीन ने लद्दाख के बाद अरुणाचल से सटे इलाकों में भी अपनी पहुंच बनानी शुरू कर दी है। ऐसे में बिपिन रावत ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में सुबनसिरी घाटी का दौरा किया है।
सेना के वरिष्ठतम सैन्य अधिकारी की लद्दाख यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और चीन के बीच 8 माह से गतिरोध चल रहा है और चीन कई बार आक्रामकता दिखा चुका है। जनरल रावत को इस यात्रा के दौरान पूर्वी लद्दाख सीमा पर युद्ध की परिचालन तत्परता और अन्य तैयारियों के बारे में बताया जाएगा। यात्रा के दौरान जनरल रावत के सीमा की अग्रिम चौकियों पर तैनात बलों के सैनिकों से भी मिलने की उम्मीद है। कल उन्हें आर्मी की 14वीं कोर के कमांडर और सीनियर अधिकारी एलएसी के मौजूदा हालात के बारे में जानकारी देंगे। वह पूर्वी लद्दाख में फॉरवर्ड लोकेशन पर भी जाएंगे। लेह स्थित ‘फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स’ ही चीन के साथ 8 दौर की सैन्य वार्ता कर चुकी है जिनमें दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर सहमति भी बनी है। भारत और चीन के बीच बनी सहमतियों को जमीन पर उतारने के लिए 9वें दौर की बैठक अभी नहीं हो पाई है।
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इससे पहले जनरल रावत ने 3 जनवरी को एलएसी के पास अरुणाचल में दिबांग वैली और लोहित सेक्टर में वायुसेना के फॉरवर्ड ठिकानों का भी दौरा किया। अरुणाचल प्रदेश में सुबनसिरी घाटी का दौरा करके वहां तैनात सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के कर्मियों से मुलाक़ात की थी। इसके अलावा उन्होंने अरुणाचल प्रदेश और असम सहित पूर्वी सेक्टर में हवाई अड्डों का भी दौरा किया था। अग्रिम चौकियों पर तैनात सेना और आईटीबीपी के जवानों से मुलाक़ात के बाद सीडीएस सभी रैंकों के उच्च मनोबल और प्रेरणा से संतुष्ट दिखे और अभिनव उपायों को अपनाने के लिए सैनिकों की सराहना करते हुए उनका हौसला बढ़ाया।