गोपेश्वर: चमोली के मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन किया। इस दौरान बैठक में नमामि गंगे (Namami Gange) कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद में क्रियान्वित परियोजनाओं, निकायों के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और गंगा एवं इसकी सहायक नदियों के बारे में जागरूकता पैदा करने संबंधी बिंदुओं पर चर्चा की गयी।
बैठक के दौरान कई मुद्दो पर की चर्चा
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने सीवरेज शोधन सयंत्रों के कार्य प्रदर्शन की नियमित निगरानी के लिए जल निगम एवं जल संस्थान को समिति गठित करने के निर्देश दिए। जल संस्थान गोपेश्वर को सभी एसटीपी से उत्सर्जित अवशिष्ट स्लज को नजदीकी वन विभाग की नर्सरी तक पहुंचाने के निर्देश दिए। पर्यटन विभाग को नदियों के किनारे पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राफ्टिंग स्पॅाट चिह्नित करने और 20 से अधिक कक्ष वाले होटलों को चिह्नित कर एसटीपी लगवाने के निर्देश देने और अनुपालन न वालों को नोटिस जारी करने निर्देश दिए। साथ ही पेयजल निगम को अवशेष चार एसटीपी को 15 मार्च तक जल संस्थान को हैंडओवर करने के निर्देश दिए।
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नमामि गंगे अभियान पर किया विचार
प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश दुबे ने बताया कि, नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद में निर्मित 16 एसटीपी में से 12 एसटीपी जल संस्थान को हस्तगत कर दिए गए हैं। अवशेष चार एसटीपी जिसमें तीन एसटीपी कर्णप्रयाग और एक जोशीमठ में कार्य गतिमान हैं। एंटी लिटरिंग एंटी स्पिटिंग एक्ट के तहत अब तक 567 चालान कर 3.24 लाख की आय तथा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम के तहत अब तक 356 चालान कर दो लाख की आय प्राप्त हुई। वहीं इस दौरान मौके पर पेयजल के अधिशासी अभियन्ता वीके जैन, मुख्य कृषि अधिकारी वीपी मौर्या, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई अरविन्द नेगी आदि मौजूद थे।
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