ब्रेकिंग न्यूज़

भारतीय नववर्ष सम्वत् 2081 का वर्षफल

भारतीय नववर्ष सम्वत् 2081 चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि तदनुसार 09 अप्रैल सन् 2024 दिन मंगलवार से प्रारंभ हो जाता है। इस सम्वत्सर के राजा ‘मंगल’ होंगे। इस वर्ष नव सम्वत्सर का...

विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग एवं पंचक्रोशी (काशी) की महिमा

सनातन धर्म में विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की विशेष महिमा है। यह विश्वनाथ, काशी विश्वनाथ आदि नामों से प्रसिद्ध है। भारतवर्ष के काशी में यह दिव्य ज्योतिर्लिंग प्रतिष्ठित है। शिवपुराण के कोटिरूद्र संहिता के अंतर्गत विश्वेश्वर...

वेदों और पुराणों का उद्गम स्थल नैमिषारण्य धाम तीर्थ

सनातन हिन्दू धर्म में हर किसी की इच्छा होती है कि वह एक बार चार धाम की यात्रा अवश्य करे। यही वजह है कि हर साल बड़ी संख्या में लोग चार धाम की यात्रा पर निकलते हैं। चार धाम यात्रा करने पर पुण्य की प्राप्ति होती है। हाला...

भगवान श्रीकृष्ण एवं मथुरा धाम की महिमा

गोविन्द नाम से प्रसिद्ध भगवान श्रीकृष्ण ही जगत के परम कारक हैं। वे ही परमपद हैं, वृन्दावन के अधीश्वर हैं तथा नित्य परमात्मा हैं। सनातन धर्म में वेद, पुराण शास्त्रानुसार सृष्टि, पालन और संहार की शक्ति से युक्त, जो ब...

अहोई अष्टमीः संतान की मंगलकामना का पर्व

हिन्दू समुदाय में करवा चौथ के चार दिन पश्चात और दीपावली से ठीक एक सप्ताह पहले 'अहोई अष्टमी'(Ahoi Ashtami) का पर्व मनाया जाता है। प्रायः वही स्त्रियां यह त्योहार मनाती हैं जिनके संतान होती है। किन्तु अब यह व्रत निसं...

समुद्र मंथन से भगवती लक्ष्मी जी का प्राकट्य एवं एकादशी-द्वादशी की महिमा

भगवती लक्ष्मी जी के जन्म का सम्बन्ध समुद्र से है। सनातन धर्म में पद्म पुराण में भगवती लक्ष्मी जी का प्राकट्य समुद्र मंथन के द्वारा बताया गया है। पद्म पुराण में उत्तराखण्ड के अन्तर्गत श्री महादेवजी एवं पार्वती जी के...

शनि देव एवं शनि स्तोत्र की महिमा

Glory of Shani Dev: पद्म पुराण के अनुसार शनि देव को समस्त जगत के उत्पात का कारण माना गया है। ज्योतिष शास्त्रानुसार शनि देव अंश रूप में आकाश में शनि ग्रह के रूप में भ्रमणशील हैं तथा पृथ्वी पर होने वाली समस्त घटना...

भुवनेश्वर: जहां भगवान शिव, हमेशा करते हैं निवास

भुवनेश्वर नगर ओडिशा प्रदेश की राजधानी है, जिसे शिव मंदिरों का नगर कहा जाता है। माना जाता है कि पहले यहां लगभग 7,000 शिव मंदिर थे लेकिन अब इनकी संख्या लगभग 500 है...

पद्मपुराण के सृष्टिखण्ड में गौओं की महिमा

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आनन्द योग में श्रीराम का संयोग

भगवान भूतनाथ शंकर ने बारम्बार समस्त वेद-राशि का मन्थन करके यह निश्चय किया कि तारक मन्त्र ‘राम’ विष्णु भगवान की गुप्त मूर्ति है। भगवान की लीला का रहस्य भला कौन जान सकता है। हम पद-पद पर देखते हैं कि अपनी इच्छा न होने प...