Ujjain: उज्जैन जिले के नागदा में संचालित विदेशी कंपनी लैंक्सेस इंडस्ट्रीज का प्रबंधन अतिक्रमण के एक मामले में कानूनी पचड़े में फंस गया है। लैंक्सेस प्रबंधन द्वारा बिरला परिवार की ग्रेसिम इंडस्ट्रीज से करोड़ों के बेशकीमती बंगले किराए पर लेने के आरोप में तहसीलदार नागदा की अदालत में भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की दावेदारी में लेक्सेस के यूनिट हेड और एचआर हेड का नाम प्रतिवादी के तौर पर दर्ज है।
यह कार्रवाई तहसीलदार नागदा एमके सोनी की अदालत में की गई। अदालत में यह कार्रवाई समाजसेवी अभय चोपड़ा निवासी मनोहरवाटिका नागदा और अधिवक्ता अभिषेक चौरसिया निवासी शिवपुरा की संयुक्त कार्रवाई से की गई। इस मामले में आरोप है कि सरकारी दस्तावेजों में इन बंगलों का कब्जा मप्र शासन का है, जिसे लैंक्सेस कंपनी ने अनुबंध के तहत किराए पर ले रखा है। तहसीलदार श्री सोनी से इस संवाददाता से दूरभाष पर हुई बातचीत में उन्होंने लेक्सेस के खिलाफ मामला दर्ज होने की पुष्टि की है।
Ujjain: यह है मामला
न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरण के अनुसार एक समय बिरलाग्राम नागदा में भारत कॉमर्स नामक उद्योग संचालित था, जो 3 जून 2000 को बंद हो गया था। तत्कालीन अपर कलेक्टर ने 17 सितंबर 2014 को इस बंद उद्योग से संबंधित 195.432 हेक्टेयर भूमि को जब्त कर शासकीय भूमि घोषित कर दिया था। शासन ने 18 सितंबर 2014 को इस भूमि पर विधिवत कब्जा ले लिया था। जिसका पालन प्रतिवेदन भी तत्कालीन तहसीलदार ममता पटेल ने कलेक्टर को भेजा था।
प्रकरण में शासकीय भूमि पंजीयन के खसरा की प्रतियां भी संलग्न की गई हैं। इस भूमि के कुछ भाग पर उद्योग के उच्च पदस्थ अधिकारियों के निवास के लिए बनाए गए आलीशान बंगलों को एक बहुराष्ट्रीय कंपनी ने अनुबंध के तहत किराए पर ले लिया था। इन बंगलों को ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन ने किराए पर दे रखा है। इस प्रकरण में मुद्दा यह उठाया गया है कि जब शासन ने सारी भूमि पर कब्जा ले रखा है, तो लैक्सेंस उद्योग ने बंगलों को किराए पर कैसे ले लिया। इस मामले के दस्तावेजों के अनुसार बंद पड़े भारत कॉमर्स इंडस्ट्री की उक्त जमीन के स्वामित्व को लेकर मध्य प्रदेश सरकार और बिरला कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज के बीच सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है।
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यह अपील मध्य प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव राजस्व (भोपाल), कलेक्टर (उज्जैन), एसडीओ राजस्व (नागदा) और तहसीलदार (नागदा) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। इस संबंध में नागदा तहसीलदार एम.के. सोनी का कहना है कि लैंक्सेस कंपनी नागदा के खिलाफ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने के आरोप में भू-राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित 2018 की धारा 248 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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