नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के दूसरे चरण के तहत सात राज्यों में 20 गीगा वाट के नवीकरणीय ऊर्जा ट्रांसमिशन सिस्टम तैयार किए जाने को मंजूरी दी है। पांच वर्षों की परियोजना में 12,031 करोड रुपए का खर्च होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उक्त आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस परियोजना के तहत गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में ग्रिड इंटीग्रेशन और पावर इवेक्युएशन का कार्य किया जाएगा।
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परियोजना में कुल 12,031 करोड का खर्च होने का अनुमान है। इसमें केंद्रीय वित्तीय सहायता परियोजना खर्च की 33 प्रतिशत यानी 3970.34 करोड होगी।परियोजना से वर्ष 2030 तक अक्षय ऊर्जा इंस्टॉल्ड क्षमता को 450 गीगाबाइट किए जाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। इससे लंबी अवधि के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित होगी। साथ ही पर्यावरण अनुकूल विकास होगा और बड़े स्तर पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार सृजन होगा।
महाकाली नदी पर पुल बनाए जाने के लिए भारत-नेपाल करेगा समझौता
इसके अलावा केंद्र सरकार ने भारत और नेपाल के बीच महाकाली नदी पर धारचूला (भारत) में पुल निर्माण किए जाने को मंजूरी दी है। इस संबंध में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज नेपाल और भारत के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने को मंजूरी दी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक, सांस्कृतिक और पारिवारिक संबंध है। इन्ही संबंधों को देखते हुए पुल निर्माण की घोषणा की गई है। इससे उत्तराखंड और नेपाल के संबंधित क्षेत्रों को और वहां के लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि पुल का संभवत अगले तीन वर्षों में निर्माण पूरा हो जाएगा।
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