यूपी विधानसभा में बजट सत्र की तैयारियां पूरी, धार्मिक नगरों को हाईटेक बनाने पर जोर

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लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। 23 मई से शुरू होने वाले बजट सत्र में 26 को बजट पेश होगा। इस बार सरकार का फोकस प्रदेश की धार्मिक नगरों को हाईटेक बनाने पर हो सकता है। इसके साथ विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा जारी किये गये संकल्प पत्र को पूरा करने की भी चुनौती है। इसमें सर्वाधिक जन सरोकार से जुड़ा किसानों से जुड़ा मुद्दा है। विधानसभा चुनाव के समय भाजपा ने सिंचाईं के लिए प्रयोग किये जाने वाले पंप को फ्री बिजली दिये जाने का वादा किया था, जबकि वर्तमान में बिजली व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। लगभग 6.7 लाख करोड़ के पेश होने वाले बजट में सरकार के सामने अन्य भी कई चुनौतियां हैं। यदि सरकार बिजली माफी की घोषणाओं को लागू करती है तो उस पर काफी बोझ बढ़ जाएगा लेकिन 2024 के लोक सभा चुनाव से पूर्व उसे आमजन का विश्वास जीतने के लिए कुछ घोषणाओं को जल्द अमल में लाना जरूरी है। इस घोषणा को पूरा करने पर सरकार के खजाने पर करीब 1800 करोड़ रुपये सालाना का व्ययभार आएगा जो कि कर्जमाफी के बजट से बहुत कम भी है।

वहीं बनारस के ज्ञानवापी में मिले शिव के चिन्हों से पूरे देश में धार्मिक माहौल बना है। भाजपा इस माहौल को भी भुनाना जरूरी है। भाजपा पहले से ही श्रीराम जन्मभूमि सहित अन्य धार्मिक स्थलों की व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देती रही है लेकिन इस बार उसका मथुरा, काशी, अयोध्या आदि जगहों पर विशेष रूप से रहने की संभावना है। इस बार किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली की घोषणा बजट में कर सकती है। भाजपा के संकल्प पत्र में इसे प्रमुखता से शामिल भी किया गया था। कोयला संकट को देखते हुए बिजली की उपलब्धता में आ रही दिक्कतों को देखते हुए यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि शायद सरकार इस बजट में इसे शामिल ना करे।

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सरकार किसानों के आलू, प्याज, टमाटर जैसी फसलों का न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करने के लिए भामाशाह भाव स्थिरता कोष बनाने की घोषणा को भी बजट का हिस्सा बना सकती है। इसके अलावा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत वित्तीय सहायता को 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करने, 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन (बसों) में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने, विधवा व निराश्रित महिलाओं की पेंशन में वृद्धि, मेधावी छात्राओं को रानी लक्ष्मीबाई योजना केत हत मुफ्त स्कूटी वितरण तथा माध्यमिक विद्यालयों के बुनियादी ढांचे के नवीनीकरण की घोषणा को इस बजट के माध्यम से आगे बढ़ा सकती है। इसके अलावा पूर्व से चल आ रही परियोजनाओं को पूरा करने पर भी सरकार 15000 करोड़ के लगभग व्यय कर सकती है।

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