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ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने की विदेश मंत्री एस जयशंकर से बातचीत, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

External Affairs Minister

नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देशों के संगठन जी 7 के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया तथा कोरोना महामारी का मुकाबला करने और जलवायु परिवर्तन के संकट के संबंध में उठाए जा रहे कदमों के बारे में विचार-विमर्श किया। भारत जी 7 संगठन का सदस्य नहीं है लेकिन मेजबान देश ब्रिटेन ने उसे अतिरिक्त सदस्य के रूप में बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। कोरोना संक्रमण के प्रभाव में आने के कारण जयशंकर ने वीडियो लिंक के जरिए अन्य विदेश मंत्रियों से विचार-विमर्श किया। उन्होंने बैठक को गहन विचार-विमर्श का सार्थक प्रयास बताया।

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने 2014 के बाद से पर्यावरण के अनुकूल आर्थिक वृद्धि की नीति अपनाई है। इस नीति के अंतर्गत अक्षय ऊर्जा, उज्जवला, एलईडी वितरण, वन क्षेत्र में वृद्धि और जल जीवन अभियान चलाए गए हैं। उन्होंने हरित अर्थव्यवस्था के लिए पर्याप्त संसाधनों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के संबंध में आयोजित होने वाले कॉप 26 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न देशों के सामने लक्ष्यों पर अमल करने की चुनौती होगी।

कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस संकट का स्थाई समाधान व्यापक टीकाकरण में है। इसके लिए विभिन्न देशों में वैक्सीन उत्पादन बाधा रहित आपूर्ति प्रणाली और समुचित संसाधन उपलब्ध कराने पर जोर देना होगा।

विदेश मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के मद्देनजर दुनिया में भू-राजनीतिक बदलाव आए हैं। विभिन्न देशों को अपनी नीतियां बनाने के संबंध में पारदर्शिता, विश्वसनीयता और टिकाऊपन पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक और मुक्त समाजों में व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संरक्षण और उसे बढ़ावा देने का विशेष महत्व है। लेकिन हमें फेक न्यूज और ऑनलाइन दुष्प्रचार से सावधान रहना होगा।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए बैठक में शामिल हुए। उन्होंने एस जयशंकर बातचीत की। विदेश मंत्री ने इस संबंध में एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री जॉनसन का यह व्यवहार सराहनीय है। उन्होंने जॉनसन से कहा कि वह ब्रिटेन के अपने समकक्ष डोमिनिक राब के साथ मिलकर भारत-ब्रिटेन के बीच तय किए गए 2030 रोडमैप पर अमल करने के लिए कृतसंकल्प हैं।