स्तन कैंसर के बढ़ रहे हैं मरीज, महिलाओं की ये सोच है सबसे बड़ी वजह

रायपुर: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, छत्तीसगढ़ के रायपुर के सर्जरी विभाग के तत्वावधान में गुरुवार को ब्रेस्ट कैंसर पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को स्तन कैंसर के बारे में जागरूक क‍िया गया। इस अवसर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना था कि स्तन में पाई जाने वाली 90 प्रतिशत गांठ कैंसर नहीं होती हैं। अतः महिलाओं को बिना किसी भय के अपनी स्तन गांठ की तुरंत जांच करवानी चाहिए। एम्स में इसके लिए विशेष क्लिनिक आयोजित किया जाता है, जिसमें बहुत कम खर्चे में ऑपरेशन से लेकर रेडियोथैरेपी और प्लास्टिक सर्जरी तक की व्यवस्था की जाती है।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा कि प्रदेश के अंदर निरंतर ब्रेस्ट कैंसर के रोगी बढ़ रहे हैं। यदि समय रहते इसका उपचार करवा लिया जाए तो महिलाओं के स्वास्थ्य को अधिक खतरा नहीं रहता है। इसके लिए एम्स में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी इसका निःशुल्क लाभ उठा सकते हैं। इस अवसर पर एम्स में स्तन कैंसर का इलाज करवा चुकी रायपुर की एक 70 वर्षीय दृष्टिहीन महिला ने बताया कि पांच वर्ष पूर्व उन्होंने एम्स में स्तन कैंसर का इलाज करवाकर काफी राहत प्राप्त की है। इसमें उनका कोई खर्च नहीं हुआ और ऑपरेशन से लेकर प्लास्टिक सर्जरी तक सभी एम्स में आसानी के साथ संभव हो पाया।

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रायपुर की एक अन्य 35 वर्षीय महिला का कहना था कि महिलाओं को स्तन की गांठ का चेकअप कराने में झिझकना नहीं चाहिए। इससे कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। इस महिला ने समय रहते अपना इलाज करवाया था और अब पूरी तरह से स्वस्थ है। इसी प्रकार की एक अन्य महिला उड़ीसा से ऑनलाइन माध्यम से जुड़ी और अपने अनुभव साझा किए।

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ये है बड़ी वजह

विशेष स्तन कैंसर क्लिनिक के प्रभारी डॉ. राधाकृष्ण रामचंदानी का कहना था कि शहरों में स्तन कैंसर काफी अधिक मिल रहा है। यहां युवतियों की देर से शादी और फिगर बिगड़ने के डर से बच्चे को दूध न पिलाने की वजह से इस प्रकार के केस काफी अधिक मिल रहे हैं। एम्स में वर्ष 2015 में स्पेशल क्लिनिक शुरू होने के बाद से अब तक 2700 महिलाओं को उपचार प्रदान किया जा चुका है। यदि समय पर गांठ की जांच करवा ली जाए जो इलाज संभव है। कार्यक्रम में डॉ. धमेंद्र दुग्गल और डॉ. यशवंत ने भी भाग लिया। इस अवसर पर स्तन कैंसर का सफलतापूर्वक सामना कर चुकी महिला रोगियों को पौधा देकर सम्मानित किया गया।