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Chhattisgarh: आतंक का रास्ता छोड़ आठ इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

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Chhattisgarh, रायपुरः आतंक का रास्ता छोड़कर आठ इनामी नक्सलियों ने शनिवार देर शाम पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 8 लाख रुपये का इनामी प्लाटून नंबर 12 का कमांडर, 2 लाख रुपये का इनामी प्लाटून नंबर 2 का पार्टी सदस्य, 1 लाख रुपये का इनामी जनता सरकार का अध्यक्ष और 11 लाख रुपये के इनामी तीन नक्सली शामिल हैं।

सरकार की योजना ने हो रहे प्रभावित

इस साल अब तक बीजापुर में 178 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि नक्सलियों की भेदभावपूर्ण नीति, उपेक्षा, माओवादियों की जीवनशैली और विचारधारा से परेशान होकर और छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही नियत नेला नार योजना से प्रभावित होकर उन्होंने आत्मसमर्पण किया है।

महिला नक्सली भी शामिल

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया कि कुल 8 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन नक्सलियों में तीन इनामी माओवादी हैं। इनमें महिला नक्सली उसूर और पामेड़ इलाके में सक्रिय थीं। महिला कैडर मंगली पोटाम प्लाटून नंबर 2 का हिस्सा थी। इसके अलावा आयतू कोरसा मनकेली जनता सरकार दस्ते का मुखिया था। पोटाम और कोरसा पर क्रमश: 2 लाख और 1 लाख रुपये का नकद इनाम था। आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली चंदर कुरसम माओवादियों के प्लाटून नंबर 12 का कमांडर था।

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सरकार से मिलेगी आर्थिक सहायता

उस पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह 2003 से प्रतिबंधित नक्सली संगठन से जुड़ा था। वह 2008 के मोदकपाल टुनकीगुट्टा नक्सली हमले में शामिल था। इसमें 10 जवान शहीद हुए थे। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा। आत्मसमर्पण करने पर इन आठों नक्सलियों को 25-25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई।

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