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बंदरों-कुत्तों में खूनी गैंगवारः बंदरों ने अब तक 250 पिल्लों को उतारा मौत के घाट, देखें VIDEO

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मुंबईः खून का बदला खून यह कहावत तो आपने सुनी होगी। आए दिन ऐसे खबरें सामने आती हैं जिसमें हत्या का बदला लेने के लिए कत्ल कर देते हैं। आज तक अपने इंसानों के बीच दुश्मनी और गैंगवार के किस्से सुने और देखें होंगे। लेकिन महाराष्ट्र के बीड जिले में इन दिनों जानवरों में खूनी गैंगवार चल रही है। यहां बंदर, कुत्तों के लिए काल बन गए है। बंदरों ने अबतक लगभग 250 पिल्लों को मौत के घाट उतर दिया है। वहीं कुत्तों और बंदरों की इस खूनी गैंगवार में लोग दहशत में हैं। स्थानीय लोगों की तमाम कोशिशों के बावजूद बंदरों और कुत्तों के बीच यह लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। स्थानीय लोगों की माने तो यह जंग पिछले काफी दिनों से चल रही थी। बंदर कुत्तों पर हमला करते हैं तो कुत्ते बंदरों पर टूट पड़ते हैं। इस जंग में उछल-कूद मचाने में माहिर बंदर भारी पड़ रहे हैं।

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आखिरी क्यों बंदर कुत्तों के लिए बने काल

अब आप सोच रहे होंगे की आखिर इस खूंखार जंग की वजह क्या है? तो आपको बता दें कि बंदरों के इस खूनी खेल के पीछे छिपा है इन्तेकाम ..जी हां सही सुना आपने। दरअसल पिछले महीने कुछ आवारा कुत्तों ने बंदर के एक बच्चे को मार दिया था। इसके बाद से बंदर कुत्ते के बच्चों की जान के दुश्मन बन गए। करीब 5000 की आबादी वाले मजलगांव के लावूल गांव में बंदरों ने बदले का जो सिलसिला शुरू किया वह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।

इस तरह करते हैं पिल्लों की हत्या

खबरों की माने तो इस गांव में अब एक भी पिल्ला बचा नहीं है। बंदरों के इस व्यवहार के गांव के लोग भी डरे हुए हैं। उनका कहना है कि बंदर झुंड में आते हैं और कुत्तों पर हमला करते हैं। इस दौरान यदि कोई पिल्ला उनके चंगुल में फंस जातें हैं और किसी ऊंचे पेड़ या इमारत उसे इतनी जोर से नीचे पटकते हैं कि उसकी जान चली जाती है। इतना ही नहीं इन बंदरों में कुत्तों की प्रति इतना गुस्सा भरा है कि जब कोई व्यक्ति उन्हें ऐसा करने से रोकता है तो बंदर उन पर भी हमला कर देते हैं। कुत्तों को बचाने की चुक्कर में अब तक कई लोग घायल हो चुके हैं।

इलाके में बंदरों का खौफ

कुत्तों और बंदरों के बीच लड़ाई के कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं। इस इलाके में बंदरों का खौफ इतना था कि ग्रामीणों ने वन विभाग से बंदरों को पकड़वाने की गुहार लगाई। काफी मशक्कत के बाद शनिवार को वन विभाग द्वारा दो बंदरों को पकड़ने में कामयाबी मिली। वन विभाग ने दोनों बंदरों को पकड़ने के बाद पास के जंगल में छोड़ दिया। लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में उनकी मौजूदगी है। हालांकि यहां के लोगों को अभी भी बंदरों से दहशत है और यही कारण है कि यहां के लोग अपने बच्चों को अकेले घर से नहीं निकलने दे रहे हैं और न ही कोई बच्चा घर की छत पर नजर आता है। अब देखना है कि दो साथियों के पकड़े जाने के बाद बंदर क्या कदम उठते हैं, ये तो आने वाला समय ही बताएगा ?

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