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यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा का कानून व्यवस्था रूपी शस्त्र करेगा विपक्ष के मंसूबों को ध्वस्त

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi and Union Home Minister Amit Shah with the newly appointed BJP National President JP Nadda at a felicitation programme organised for him at the BJP Headquarters in New Delhi on Jan 20, 2020. (Photo: Amlan Paliwal/IANS)

लखनऊः उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव कानून व्यवस्था के मुद्दे पर लड़ना चाहती है। पिछले कई माह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री योगी से लेकर पार्टी के सभी छोटे बड़े नेताओं के बयान कुछ इसी दिशा में संकेत दे रहे हैं। जिस तरह से कानून व्यवस्था को सरकार की उपलब्धि बताकर विपक्ष को भाजपा घेर रही है, उससे यह लग रहा है कि यही मुद्दा चुनाव में उसका हथियार बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपनी कई जनसभाओं में इस बात पर खास जोर देते हैं कि 2017 के पहले यूपी की कानून व्यवस्था बद से बदतर थी। महिलाओं का घर से बाहर निकलना भी दूभर था, लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही सूबे में कानून का राज स्थापित हो गया। इसके लिए यह सभी नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुलकर तारीफ करते हैं। 13 नवम्बर को वाराणसी, आजमगढ़ और बस्ती के अपने कार्यक्रमों में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कानून-व्यवस्था और विकास के मुद्दे पर ही विपक्ष को घेरा। उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में पुलिस पहले माफिया को देखकर डरते थे। अब माफिया पुलिस को देखकर डरते हैं। कहते हैं कि मुझे गोली मत मारो। मैं आत्मसमर्पण करता हूं। यही नहीं एक कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा था कि अब उत्तर प्रदेश में दूरबीन लेकर देखने पर भी माफिया नहीं दिखते।

इससे पहले केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महराजगंज स्थित चौक के एक कार्यक्रम में कहा था कि योगी के नाम से माफिया थर-थर कांपते है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करने पहुंचे वहां भी उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों को कानून व्यवस्था के नाम पर घेरा। उन्होंने कहा कि यूपी में जिस तरह से राजनीति हुई, जिस तरह से लंबे समय तक सरकारें चलीं, उन्होंने यूपी के सर्वांगीण विकास पर ध्यान ही नहीं दिया। यूपी का यह क्षेत्र तो माफियावाद और यहां के लोगों को गरीबी के हवाले कर दिया गया था। कौन भूल सकता है कि यूपी में कानून व्यवस्था की क्या हालत थी। प्रधानमंत्री मोदी ने बुंदेलखंड के दौरे में कहा कि बुंदेलखंड के संसाधनों को लूटने वालों पर बुल्डोजर चल रहा है तो कुछ लोग हायतौबा मचा रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भी कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी की तरीफ गोरखपुर और कानपुर में की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत सुधरी है और योगी आदित्यनाथ प्रदेश में कानून का राज लेकर के आए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था को लेकर यकीन दिलाया कि आज प्रदेश दंगा मुक्त है, जबकि 2017 से पहले यहां हर तीसरे-चौथे दिन दंगा होता था।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां कभी माफिया का आंतक सिर चढ़कर बोलता था, गरीबों की जमीन पर कब्जा होता था, उसी उत्तर प्रदेश में अब माफिया की संपत्ति पर बुलडोजर चल रहा है। वह प्रदेश छोड़कर भाग रहे हैं। बुलडोजर से वह लोग भी डर रहे हैं, जो माफिया के सरपरस्त थे। माफिया की छाती पर बुलडोजर चलाने वाली सरकार बताने पर मुख्यमंत्री को खूब मिली तालियां भी यह जता रही है कि चुनाव में कानून-व्यवस्था का मुद्दा भी अहम रोल अदा करेगा। उत्तर प्रदेश की राजनीति पर गहरी नजर रखने वालों का मानना है कि कानून व्यवस्था यूपी की राजनीति में एक बहुत बड़ा विषय रहा है। मुलायम सिंह की सरकार 2007 इसी विषय पर गिर गई थी, जिसे मायावती ने भुनाया और सरकार भी बनाई। 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार में आने के बाद वह कानून व्यवस्था को लेकर काफी संजीदा रहे। एंटी रोमियो स्क्वॉड जैसे तमाम योजनाओं को लागू किया। पश्चिमी यूपी में लव जिहाद, महिलाओं से छेड़खानी, पूरब में माफियाओं का साम्राज्य था। इन चीजों को खत्म किया है। आम लोगों को इससे सुकून महसूस हो रहा है। इस बात को प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, नडड इस बात को जानते है। माफिया अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी और मफियावाद की बात करते हैं, तो ध्रुवीकरण की राजनीति को बल मिलने से भाजपा को भी बल मिलेगा।

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